आर्य समाज मंदिर में यजोपवीत संस्कार के साथ वैदिक राष्ट्र कथा का हुआ समापनशिवपुरी- यह शरीर अनेकों प्रकार की गंदगीयो से भरा पड़ा है, जिसमे न जाने कितनी किसी के प्रति घृणा, किसी के द्वेष, बदले की भावना, दूसरो का नुकसान और दूसरे का घर, परिवार टूटे, ऐसे कई विचारो की गंदगी यदि आपके मन में है तो आप कभी कितना भी धर्म कर लो वह व्यर्थ ही जायेगा लेकिन यदि आपने अपने को साफ कर अच्छे सद्विचारों, दया, करुणा के भाव का समावेश किया तब निसंदेह आपका यह शरीर रूपी मन मंदिर बन जायेगा। शरीर को मन रूपी इस ज्ञान का मार्गदर्शन प्रदान किया प्रसिद्ध वेदकथा वाचक दीदी अंजली आर्या ने जो स्थानीय आर्य समाज मंदिर में आयोजित वैदिक राष्ट्रकथा के अंतिम दिवस पर अपने आशीर्वचन दे रही थी।
इस अवसर पर वैदिक राष्ट्र कथा के अतिथि यज मुख्य यजमान श्रीमती आरती- इंद्रजीत चावला परिवार के द्वारा सर्वप्रथम हवन यज्ञ किया गया और समस्त आर्यजनों ने इस यज्ञ में बदचढ़ कर भाग लिया। वैदिक राष्ट्र कथा का समापन रविवार को विशेष यज्ञ यजोपवीत संस्कार के साथ हुआ। यहां आर्यजनो के द्वारा अपनी कई जिज्ञासाओं का समाधान भी दीदी अंजली आर्या के द्वारा प्राप्त किया गया। आर्य समाज मध्य भारतीय आर्य प्रतिनिधि सभा भोपाल के पूर्व प्रधान इंद्रप्रकाश गांधी का आशीर्वाद एवं गरिमामीय उपस्थिति रही साथ ही आर्य समाज शिवपुरी के यशस्वी प्रधान समीर गांधी का मार्गदर्शन और अन्य आर्य समाज के समस्त पधाधिकारी और सदस्यजन सपरिवार शामिल हुए।
समस्त आर्यजनों के अमिट सहयोग के लिए वैदिक राष्ट्रकथा के मुख्य यजमान श्रीमती आरती-इन्द्रजीत चावला परिवार के द्वारा आभार व्यक्त किया गया जिन्होंने विभिन्न माध्यमों से इस पांच दिवसीय कथा के आयोजन को सफल बनाया।
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