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Wednesday, April 5, 2023

आर्य समाज मंदिर में महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती पर वैदिक राष्ट्र कथा का हुआ शुभारंभ





दीदी अंजली आर्या के आर्शीवचनों ने जगाई राष्ट्र भावना की अलख, आरती-इन्द्रजीत चावला परिवार ने लिया पुण्र्याजन लाभ

शिवपुरी- महान समाज सुधारक, आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानन्द सरस्वती की 200वीं जयंती के उपलक्ष्य में आर्य समाज शिवपुी के द्वारा स्थानीय आर्य समाज मंदिर परिसर में 5 अप्रैल से 9 अप्रैल तक पहली बार वैदिक राष्ट्र कथा का आयोजन किया गया है। इस कथा के मुख्य यजमान समाजसेवी आर्य समाज से जुड़े श्रीमती आरती-इन्द्रजीत चावला परिवार है जिनके द्वारा सर्वप्रथम वैदिक राष्ट्रकथा का वाचन करने आई प्रसिद्ध वेदकथा वाचक दीदी अंजली आर्या का नगरागमन पर स्वागत किया और मंदिर परिसर में कथा प्रारंभ से पूर्व हवन यज्ञ में भाग लिया गया जिसमें मंत्रोच्चारण विधि से यह कार्य संपन्न कराया गया तत्पश्चात वैदिक राष्ट्रकथा के माध्यम से दीदी अंजली आर्या के द्वारा अपने मुखारबिन्द से समस्त आर्य समाज ही नहीं बल्कि समस्त देशवासियों में वैदिक राष्ट्रकथा के माध्यम से राष्ट्र भावना की अलख जगाई गई। 

यहां आर्य समाज मंदिर में होने वाली वैदिक राष्ट्र कथा प्रतिदिन प्रात: 8:30 बजे से 10:30 बजे तक एवं रात्रि 8 से 10 बजे तक होगी जबकि समापन दिवस पर 9 अप्रैल को प्रात:काल सत्र आयोजित होगा। आर्य समाज शिवपुरी के द्वारा अधिक से अधिक संख्या में आर्यजनों सहित धर्मप्रेमीजनों से वैदिक राष्ट्रकथा का श्रवण करने का आग्रह किया गया है।

वैदिक राष्ट्र कथा से राष्ट्र अलख जगाया दीदी अंजली आर्या ने
आर्य समाज शिवपुरी में हुई वैदिक राष्ट्र कथा के माध्यम से वेदकथा वाचक दीदी अंजली आर्या ने राष्ट्र अलख जगाते हुए कहा कि हमें अपने राष्ट्र के प्रति समर्पण और सेवाभाव रखना चाहिए, आज की नव युवा पीढ़ी जो कहीं ना कहीं धर्म के मार्ग से भटककर पाश्चात्य संस्कृति की ओर बढ़ रही है उन्हें रोकना होगा, राष्ट्र में उनके अहम योगदान के लिए उनमें राष्ट्र चेतना का जागरण करना होगा ताकि वह अपने मूल दायित्व को समझ सके, इस अवसर पर अनेकों जिज्ञासाओं का समाधान भी वैदिक राष्ट्रकथा के माध्यम से दीदी अंजली आर्या ने किया। 

यहां वैदिक राष्ट्र कथा के माध्यम से राष्ट्र के बारे में बताया गया कि राष्ट्र क्या है एवं राष्ट्र के प्रति हमारे कर्तव्य क्या है?, बच्चों में राष्ट्र के प्रति देश भावना कैसे जागृत हो? हमारे जीवन में राष्ट्र और धर्म का महत्व, महापुरूषों के जीवन से क्या प्रेरणा ले सकते है? स्वयं की उन्नति के साथ राष्ट्र निर्माण कैसे? आदि विषयों को लेकर दीदी अंजलि आर्या के द्वारा बड़े ही सरल शब्दों में वैदिक राष्ट्रकथा का वाचन कर रही है।

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