शिवपुरी-अखिल भारतीय साहित्य परिषद की तहसील इकाई करेरा द्वारा नव संवत्सर के अवसर पर विचार गोष्ठी सह कवि गोष्ठी सुभाष पाठक जिया के निज निवास पर आयोजित की गई। कार्यक्रम का आरंभ कार्यक्रम अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार प्रभुदयाल शर्मा और मुख्य अतिथि युगलकिशोर शर्मा, विशिष्ट अतिथि सुधा चौबे द्ववारा माँ सरस्वती के पूजन से किया तत्पश्चात शशांक मिश्रा ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। इसके बाद सभी साहित्यकारों का धीरज भार्गव ने फूल माला पहनाकर स्वागत किया।
काव्यपाठ का आरंभ करते हुए नन्हे कवि वारिद पाठक ने वृक्ष के महत्व को रेखांकित करती अपनी कहानी प्रस्तुत की जिस पर सभी की तालियों के रूप में आशीर्वाद मिला। मोनेन्द्र शर्मा ने मानवता को परिभाषित करते हुए अत्यंत सटीक और सुंदर दोहे प्रस्तुत किये। शशांक मिश्रा ने अपने काव्यपाठ से समां बांध दिया और गोष्ठी को ऊंचाई पर पहुँचा दिया मुरारी राय ने अच्छी रचनाएं प्रस्तुत की। सुभाष पाठक जिया ने लपाठ करते हुए कहा कि माथे पर तुझको लगाऊँ तू ही मेरी शान है, मेरी माटी तुझपे मेरी जिंदगी कु र्बान है। सुधा चौबे ने भारतीय संस्कृति पर विचार रखते हुए इसे दुनिया की अनूठी संस्कृति बताया।
युगल किशोर शर्मा अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि हमें सनातन संस्कृति पर गर्व है, हमें अपनी संस्कृति की उन्नति के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। अध्यक्षीय काव्यपाठ करते हुए प्रभुदयाल शर्मा ने मेरा देश सुहाना गीत पढ़ा और अपने उद्धबोधन में देश के प्रति संस्कृति के प्रति अपने कर्तव्य निर्वहन की बात कही। कार्यक्रम का संचालन और आभार प्रदर्शन सुभाष पाठक जिया ने किया। इस मौके पर इमरत लोधी,नीलम पाठक, सपना प्रजापति और अंकेश पाठक उपस्थित रहे।
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