कोर्ट केस में पैरवी करने के दिए निर्देश, बार एसोसिएशन अध्यक्ष ने कहा अधिवक्ता हितों के लिए मैं जेल जाने को तैयारशिवपुरी- वकीलों ही हड़ताल को लेकर उच्च न्यायालय शक्त- कोर्ट केस में पैरवी करने का आदेश दिया, परंतु वकील नहीं माने और मध्यप्रदेश व्यापी वकीलों की हड़ताल ने अब नया रूप ले लिया हैं क्योंकि पूर्व से घोषित 23 से 25 मार्च 2023 तक कार्य से विरत रहने की घोषणा के बीच, उच्च न्यायालय द्वारा स्वप्रेरणा से याचिका 7295/2023 विरूद्ध चेयरमैन स्टेट बार काउंसिल एण्ड ऑल प्रेसीडेंट डिस्ट्रीक्ट बार दर्ज कर देर रात निवास पर नोटिस तामील कराकर आदेश जारी किया हैं।
स्वप्रेरणा याचिका आदेश 24-03-2023 चीफ जस्टिस श्री रवि मलिथम एवं न्यायमूर्ति श्री विशाल मिश्रा की पीठ द्वारा जारी किया हैं, जिसमें निर्देशित किया हैकि सभी राज्य के वकील त्वरित अपने कोर्ट प्रकरण में न्यायालय के समक्ष हाजिर हो, अगर वकील इसका उलंघन करते हैं तो न्यायालय अवमानना की कार्यवाही की जाएगी इसके अतिरिक्त प्रत्येक न्यायधीश को निर्देशित किया कि न्यायालय परिसर में उपस्थित होने के बाद भी वकीलों के न्यायालय में हाजिर नहीं होने पर उनके नाम की सूची भेजी जाए. उक्त आदेश की प्राप्ति के बाद जिला अभिभाषक संघ शिवपुरी ने आवश्यक मीटिंग आहूत कर, राज्य अधिवक्ता परिषद के निदेशानुसार, न्यायालय कार्य से विरत रहने को आज 25-03-2023 जारी रखा तथा आदेश को एक तरफा एवम नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत के विपरित बताया तथा कहा कि हम सभी अधिवक्ता राज्य अधिवक्ता परिषद के साथ हैं।
इस दौरान बार एसोसिएशन अध्यक्ष शैलेन्द्र समाधिया ने कहा कि पक्षकार और अधिवक्ता हित के लिए मैं अवमानना कार्यवाहियों को सामना करने और जैल जाने तैयार हूँ। इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता संजीव बिलगैया ने बताया हम पक्षकार के प्रकरण की पैरवी कोर्ट में करते हैं, वकील का कोई व्यक्तिगत केस नहीं रहा. न्याय को समय सीमा के बंधन मे रखना न्याय की हत्या हैं, 25 प्रकरण की सूची बनाकर, उनको 66 दिन में निराकरण की बाध्यता से पक्षकार उचित न्याय से वंचित रहेगा ,वकील फीस लेता हैं, अपने क्लाइंट के साथ न्याय नहीं कर पाएगा, नुकसान क्लाइंट का होगा और न्यायाधीश केस के फैसले के दबाब में रहेगा नाकि न्याय कर पाएगा, ये लड़ाई वकीलों की नहीं जनता और न्याय की है।
मीटिंग में अघ्यक्ष शैलेंद्र समाधियाँ, सचिव पंकज आहूजा, कोषाध्यक्ष ओमप्रकाश भार्गव, परवेज कुर्रेशी, संजीव बिलगैया, गजेंद्र यादव, सादिक खान, पूर्व अध्यक्ष धर्मेंद्र शर्मा, जहूर सिद्दीकी,मनीष मित्तल, आदि सहित 200 वकील उपस्थित थे।
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