शिवपुरी। अवैध रूप से कॉलोनी काटने के मामले में कॉलोनाईजर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के मामले में माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा एफआईआर निरस्त करने के आदेश दिए है। बता दें कि इस मामले में प्रशासन ने अवैध कॉलोनी के मामले में शहर के कुछ कॉलोनाइजरों के खिलाफ अवैध कॉलोनी काटने के मामले में एफआईआर दर्ज की थी तत्समय दर्ज किए मामलो की एफआइआर हाई कोर्ट में निरस्ती के आदेश दिए है। इस मामले में शहर के कॉलोनाइजर सतेन्द्र सेंगर के विरूद्ध तत्कालीन एसडीएम के द्वारा अवैध कॉलोनी काटने के मामले में एफआईआर दर्ज करने के ओदश दिये थे, तब कॉलोनाईजर सत्येन्द्र सिंह सेंगर के द्वारा अपने ऊपर बिना किसी जांच पड़ताल के हुई एफआईआर के मामले में माननीय उच्च न्यायालय में अधिवक्ता के माध्यम से याचिका लगाई और इस मामले की सुनवाई करते हुए माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा एसडीएम की इस एफआईआर के ओदश को निरस्त करने के आदेश किए है।
यह था मामला
जानकारी के अनुसार अनुविभाग शिवपुरी के तत्कालीन एसडीएम गणेश जायसवाल ने नौहरीकलां स्थित सर्वे नंबर 427/1 रकवा 2.534 में से 1 हेक्टेयर में अवैध कॉलोनी काटने पर कॉलोनाइजर सतेंद्र सिंह पुत्र मेहताब सिंह सेंगर निवासी शीतोले साहब की कोठी के पास शिवपुरी के खिलाफ 19 जनवरी 2023 को एफआईआर के आदेश निकाला था। प्रॉपर्टी डीलर सतेंद्र सिंह ने अपने खिलाफ एफआईआर के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की और इस मामले में माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा बीती 13 मार्च को उक्त मामले में आदेश जारी कर शिवपुरी एसडीएम के आदेश को निरस्त कर दिया है। बगैर सुनवाई का अवसर दिए कॉलोनाइजर के खिलाफ निकालने की वजह से राजस्व विभाग के अफसर ने एफआईआर कराने का आदेश निकाल दिए थे।
जानकारी के अनुसार अनुविभाग शिवपुरी के तत्कालीन एसडीएम गणेश जायसवाल ने नौहरीकलां स्थित सर्वे नंबर 427/1 रकवा 2.534 में से 1 हेक्टेयर में अवैध कॉलोनी काटने पर कॉलोनाइजर सतेंद्र सिंह पुत्र मेहताब सिंह सेंगर निवासी शीतोले साहब की कोठी के पास शिवपुरी के खिलाफ 19 जनवरी 2023 को एफआईआर के आदेश निकाला था। प्रॉपर्टी डीलर सतेंद्र सिंह ने अपने खिलाफ एफआईआर के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की और इस मामले में माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा बीती 13 मार्च को उक्त मामले में आदेश जारी कर शिवपुरी एसडीएम के आदेश को निरस्त कर दिया है। बगैर सुनवाई का अवसर दिए कॉलोनाइजर के खिलाफ निकालने की वजह से राजस्व विभाग के अफसर ने एफआईआर कराने का आदेश निकाल दिए थे।
बिना जांच के दर्ज हुई थी एफआईआर, पटवारी ने घर बैठकर ही कर ली थी जांच
शिवपुरी के तत्कालीन एसडीएम गणेश जायसवाल के 19 जनवरी के आदेश में पटवारी और पंचायत सचिव की रिपोर्ट का हवाला है। पटवारी रवि प्रकाश लोधी ने तहसीलदार को सौंपी जांच रिपोर्ट में सर्वे क्रमांक 427/1 रकवा 2.534 हेक्टेयर में से 1 हेक्टेयर सतेंद्र सिंह का बताया है। जिसमें सर्वे नंबर 427/1 रकवा 2.534 हेक्टेयर में सतेंद्र सिंह का हिस्सा 430/5140 वर्तमान अभिलेख में दर्ज है। कॉलोनी काटना बता कर 45 प्लॉट भूखंड के रूप में बेचना दर्शाते हुए वर्तमान खसरों में दर्ज भी बता दिया। जबकि हकीकत में सतेंद्र सिंह के नाम अभी भी 1 हेक्टेयर जमीन दर्ज है, जिसमें से एक भी प्लॉट नहीं बिका है। नौहरीकलां के पंचायत सचिव और पटवारी ने मौके पर मुरम रोड, प्लॉट दर्शाए हैं। सड़क, खेल मैदान, नालियां, बाहरी व आंतरिक संरचना, बिजली, सवरी आदि विकास नहीं होना बताया। दरअसल सर्वे नंबर 427 में दूसरे जमीन मालिक ने यह 45 प्लॉट बेच दिए। जबकि प्रशासन ने बिना सुनवाई का अवसर दिए कार्रवाई किसी और पर कर दी।
इनका कहना है
सर्वे नंबर में 1 हेक्टेयर जमीन क्रय की थी, लेकिन उसमें आज तक कोई कॉलोनी नहीं काटी गई है। जिस दिन से जमीन खरीदी है, आज भी उसी हालत में पड़ी है। बिना सुनवाई का अवसर दिए एफआईआर के आदेश हुआ था।
सतेंद्र सिंह सेंगर,
भूमि स्वामी शिवपुरी
शिवपुरी में कॉलोनाइजर के खिलाफ आदेश तो निकाले थे, लेकिन सतेंद्र सिंह सेंगर के आदेश के बारे में मुझे याद नहीं है। यदि हाईकोर्ट ने आदेश निरस्त किया है तो उसका पालन किया जाएगा।
गणेश जयसवाल,
तत्कालीन एसडीएम, अनुविभाग पोहरी
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