शिवपुरी। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी चैत्र नवरात्रा के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं की आस्था का मुख्य केन्द्र मॉं बलाकरी पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा और हजारों की संख्या में दूरस्थ ग्रामीण भयभह जंगल में पहुंचे श्रद्धालुओं ने मॉं बलारी के दर्शन कर अपनी मनोकामना पूर्ण करने मॉं के चरणों में मत्था टेका। हालांकि बलारपुर मंदिर पर दर्शन करने को लेकर वन विभाग और प्रशासनिक व्यवस्था में कुछेक माहौल ठीक नहीं था लेकिन जिला प्रशासन के द्वारा धर्मप्रेमीजनों की आस्था को ध्यान में रखते हुए वन विभाग को आदेशित किया गया कि किसी भी हाल में श्रद्धालुओं को माता के दर्शन करने से नहीं रोका जाएगा और इसी का परिणाम है कि सप्तमी के दिन मॉं बलारी के दर्शन और नेजे चढ़ाए जाकर श्रद्धालुओं ने भी अपनी ममनोकामनाओं को लेकर मॉं के दर्शन किए और आर्शीवाद लिया।
इस दौरान श्रद्धालुओं की सेवा करते हुए अनेकों धर्मप्रेमजीनों के द्वारा जगह-जगह जल, पूड़ी सब्जी वितरण, शीतल पेय, पुष्पवर्षा आदि सहित अनेकों व्यवस्थाऐं की गई। यहां मान्यताओं के अनुसार मां बलारी पर सप्तमी के दिन नरवर के राजा नल का नेजा चढाया जाता है,यह परंपरा वर्षो पुरानी है आज भी इसी परंपरा का निर्वहन किया जाता है। देवी उपासक राजा नल का नेजा मां बलारी सबसे पहले लेती है इसी परंपरा को आज भी नरवर के लोगों ने जिंदा रखा है। नरवर का जनमानस हजारो की संख्या में नरवर से जंगल के रास्ते मां बलारी पहुंचते है और नेजा चढाते। बताया जाता है कि चैत्र की नवदुर्गा में बलारी माता के दर्शन करने लगभग 4 लाख से अधिक संख्या में भक्त पहुचते है।
सप्तमी का लगा मेला, भक्ति भाव से चढाऐ जा रहे नेजेमाधव नेशनल पार्क की सीमा के भीतर बलारी माता के मंदिर परिसर में प्रतिवर्ष मेला भरता है यह मेला लगभग सौ वर्षों से भर हुआ आ रहा है इस मेले में शामिल होने देश के कोने कोने से लोग पहुंचते हैं। इसी के चलते यहां लाखों की संख्या में भीड़ जुटती है। हालांकि बलारी माता के दर्शन करने नवरात्रि के सभी दिवसों पर भीड़ पहुंचती है लेकिन सप्तमी को यहां बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ती है और मेला भी भरता है।
श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब
सप्तमी के दिन सोमवार से ही पैदल जाने वाले श्रद्धालुओं की सैलाब सड़कों पर उमडऩे लगा था जो रात होते होते बढ़ता ही गया। सोमवार की शाम से ही बलारी माता के रास्ते में दर्जनों की संख्या में सेवाभाव स्वरूप भंडारों का आयोजन किया गया। इन भंडारों में शीतल पेय, सरबत मुख्य रूप से आलू की सब्जी के साथ पूड़ी का वितरण किया है। शिवपुरी शहर से लगभग 23 किलोमीटर दूर माता के मंदिर तक कई श्रद्धालु मन्नत मांगने पैदल जाते हैं तो कई श्रद्धालु मन्नत पूरी होने पर पैदल यात्रा करते है इसके साथ ही कई श्रद्धालु पेंढ भरते हुए माता के दरबार पहुंचते इसके साथ ही बाइक, चार पहिया वाहन, बस के जरिए भी श्रद्धालु मंदिर पहुंचते है। बलारी माता मंदिर के मार्ग पर श्रद्धालुओं का सैलाब देखने को मिला श्रद्धालु डीजे की धुन पर माता कर मंदिर की बढ़ते हुए नजर आए।
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