शिवपुरी- नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष मुन्ना लाल कुशवाह को न्यायालय, प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश शिवपुरी के न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश शिवपुरी (म.प्र.) पीठासीन न्यायाधीश-अजय कुमार सिंह के द्वारा प्रकरण की सुनवाई उपरांत मामले में दोषमुक्त करार दिया है। इस मामले में पूर्व नपाध्यक्ष मुन्ना लाल कुशवाह की ओर से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता गिरीश गुप्ता के द्वारा की गई।विवरण के अनुसार पूर्व नपाध्यक्ष मुन्ना लाल कुशवाह जिन पर धारा 467 भादसं का आरोप है कि उनके द्वारा 23.12.2015 को आरोपी या उसके परिवार शिवपुरी में नगर पालिका शिवपुरी के माध्यम से अपने और अपने परिवार के कुल 07 सदस्यों के नाम पर मूल्यवान प्रतिभूति बी.पी.एल. कार्ड सशय निर्मित किया अथवा कराया और उक्त अवधि में मात्र स्वयं के नाम का भी एक अन्य मूल्यवान प्रतिभूति बीपीएल कार्ड समग्र आईडी क्रं.36408055 का निर्मित किया अथवा करया साथ ही इस अवधि में एक सामज्ञन्य एपीएल राशन कार्ड समग्र आईडी परिवार का नवाया जबकि स्वयं पूर्व नपाध्यक्ष यह भलीभांति जानकारी रखते थे कि किसी व्यक्ति को एक समय में एक ही राशनकार्ड प्रभाव में रह सकता है, उसके पश्चात आपके द्वारा उपरोक्त तीन-तीन राशनकार्डों को एक साथ गतिमान रखा गया तदनुसार आपके द्वारा उक्त मूल्यवान प्रतिभूति राशनकार्डों की कूटरचना साशय की गई अथवा कराई गई।
प्रकरण में स्वीकृत तथ्य यह है कि प्रकरण के सहअभियुक्त राजेश कुशवाह को इस न्यायालय द्वारा 13.04.2018 को आरोप तर्क की अवस्था पर भादसं की धारा 420,467,471,120-बी के अंतर्गत दण्डनीय अपराधों से और अभियुक्त मुन्ना लाल कुशवाह को भादसं की धारा 420,471,120-बी और 201 के अंतर्गत दण्डनीय अपराधों से उन्मोचित किया जा चुका है।
इस पूरे मामले में प्रकरण सुनवाई उपरांत माननीय न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश शिवपुरी (म.प्र.) पीठासीन न्यायाधीश-अजय कुमार सिंह के द्वारा निर्णय पारित किया गया कि अभियोजन पक्ष आरोपी मुन्ना लाल कुशवाह के विरूद्ध युक्तयुक्त संदेह से परे यह तथ्य प्रमाणित करने में असफल रहा है कि उसने दिनांक 23.12.2015 को या उसके परिवार शिवपुरी में आरोपी के द्वारा नगर पालिका शिवपुरी के माध्यम से समग्र परिवार आईडी के अंतर्गत अपने और अपने परिवार के कुल 07 सदस्यों के नाम मूल्यवान प्रतिभूति बीपीएल कार्ड संशय निर्मित किया अथवा कराया और उक्त अवधि में मात्र स्वयं के नाम का भी एक अन्य मूल्यवान प्रतिभूति बीपीएल कार्ड समग्र आईडी का बनवाया। अत: यह अपराध संदेह से परे प्रमाणित ना पाए जाने की स्थिति में आरोपी मुन्ना लाल कुशवाह को उस आरोपित धारा 467 भादसं के आरोप से दोषमुक्त किया जाता है।
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