श्रीमद् भागवत कथा में आचार्य प्रहलाद जी महाराज ने वैवाहिक जीवन पर दिए आर्शीवचनशिवपुरी- शहर के गांधी कॉलोनी स्थित श्रीवैष्णो धाम मंदिर पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में भगवान श्रीकृष्ण-रूकमणी विवाह प्रसंग के अवसर पर नगर में भव्य शोभायात्रा निकाली गई। यहां व्यासपीठ से आचार्य प्रहलाद जी महाराज के द्वारा आर्शीवचनों ने वैवाहिक जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस सांसरिक जीवन में गृहस्थी के दो पहिए होते है और इन्हें समान रूप से चलने का ना केवल अधिकार है बल्कि एक-दूसरे का मान-सम्मान और प्रतिष्ठा समाहित है जब भी जीवन में यह दोनों एक समान भाव से चलेंगें तो यह सांसारिक जीवन सुगमता से चलेगा, क्योंकि घर-परिवार, समाज को चलाने में पति-पत्नि की महती भूमिका होती है और घर-परिवार की धुरि भी यही पति-पत्नि होते है, भगवान श्रीकृष्ण-रूकमणी विवाह प्रसंग हमें सीख देता है कि हमें गृहस्थ जीवन का पालन करते हुए समान भाव से जीवन जीना चाहिए।
इस अवसर पर श्रीवैष्णोधाम मित्र मण्डल के द्वारा नगर में बड़े ही भव्य तरीके से श्रीकृष्ण-रूकमणी विवाह की झांकी स्वरूप में शोभायात्रा निकाली गई जो कि शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए कथा स्थल पर संपन्न हुई। यहां श्रीमद् भागवत कथा के मुख्य यजमान देवीलाल राठौर (बाबूजी), सुरेश राठौर, कैलाश नारायण राठौर, श्रीमती लक्ष्मी-राजेश राठौर, सुरेन्द्र और शुभम राठौर के द्वारा भगवान श्रीकृष्ण स्वरूप रूपी झांकी की पूजन-अर्चना करते हुए उपस्थित श्रद्धालुओं में प्रसाद का वितरण किया गया। इसके साथ ही व्यासपीठ से श्रीमद् भागवत कथा के अन्य प्रसंगों पर भी आचार्य प्रहलाद जी महाराज के द्वारा आर्शीवचनों के रूप में कथा का श्रवण कराया गया। समस्त धर्मप्रेमीजनों से वैष्णोधाम मंदिर परिसर आकर धर्मलाभ प्राप्त करने का आग्रह किया गया है।
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