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Friday, February 17, 2023

गांव गांव में व्याप्त है वन भूमि एवं राजस्व भूमि की समस्या एकता परिषद


शिवपुरी-
एकता परिषद की वन भूमि जागरूकता अधिकार पदयात्रा का शुभारंभ 12 फरवरी मध्य प्रदेश एकता परिषद के अध्यक्ष डोंगर शर्मा ने ग्राम बिनैगा से हरी झंड़ी दिखाकर प्रारंभ किया गया था। तभी से यह यात्रा लगातार जारी हैं, आज दिनांक 16 फरवरी को शिवपुरी ब्लाक के ग्राम मुडखेड़ा में पहुंची, जहां रात्रि विश्राम किया। एकता परिषद की पदयात्रा का गांव-गांव में स्वागत किया जा रहा है। एकता परिषद के कार्यकर्ताओं द्वारा चौपाल लगाकर जन समस्याओं का संकलन किया जा रहा है। जिसमें वन भूमि मान्यता अधिकार अधिनियम का नियमानुसार सरकार ने पालन नहीं कराया। 

इसी प्रकार आदिवासियों की वर्ष 2003 के राजस्व भूमि के जो पट्टे दिए गए हैं उनका न तो सीमांकन किया गया और न ही अमल किया गया जबकि कुछ वन भूमि पर दबंगों के कब्जे हैं उनको भी खाली नहीं कराया जा रहा है। वर्ष 2003 में जो पट्टे दिए गए थे उनका कई ग्रामों में तो सरकारी रिकॉर्ड में अमल भी नहीं हुआ है। एकता परिषद के कार्यकर्ता श्रीमती ज्योति आदिवासी एवं चतुर सिंह आदिवासी ने गांव-गांव की ग्राम चौपालों में खेरिया आदिवासी समाज के पंच पटेल प्रधानों से चर्चा की समस्याओं को समझकर उनकी स्थिति का अध्ययन किया। 

एकता परिषद के संयोजक राम प्रकाश शर्मा और अनिल उत्साही ने वन भूमि जागरूकता अधिकार पर यात्रा के संबंध में जानकारी देकर भारत सरकार द्वारा लागू किए गए अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वन निवासी मान्यता अधिकार अधिनियम में दिए गए सभी नियम एवं शर्तों की जानकारी दी। 13 दिसंबर 2005 के पूर्व से कब्जा धारी वन भूमि के किसानों को वन भूमि का पट्टा देने के लिए ग्राम वन अधिकार समिति द्वारा ग्रामसभा से अनुमोदन कराया जाना जरूरी होता है, उसी के बाद कब्जा सिद्ध होने पर वन भूमि का कृषि कार्य हेतु व्यक्तिगत पट्टा प्रदान किया जाता है 

इसी तरह से वन अधिकार अधिनियम में आवासीय भूमि पट्टा एवं समुदाय वन  संसाधन पट्टा दिए जाने हेतु ग्राम पंचायत द्वारा प्रस्ताव ठहरा पारित करके गांव की पूरी ग्रामसभा के नाम पत्ता प्रदान किया जाता है आज दिनांक 17 फरवरी को ग्राम बरखेड़ा से चलकर यह पदयात्रा ग्राम शंकरपुर कराई-कराई बारा  ग्राम पतारा पहुंचकर ग्राम चौपाल लगाएगी।

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