मामला अवैध कॉलोनी के रूप में दर्ज हुआ मामले का, मिला स्टे, दबाब में नियमों का हुआ दुरूपयोगशिवपुरी। माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा अवैध रूप से कॉलोनी के मामले में सांसद प्रतिनिधि रामजी व्यास एवं नपा उपाध्यक्ष श्रीमती सरोज व्यास के प्रकरण की सुनवाई करते हुए प्रकरण में न्याय प्रदान किया गया है। यहां सांसद प्रतिनिधि रामजी व्यास ने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय के आदेश में साफ उल्लेखित है कि किसी भी रूप में एडीएम को अवैध कॉलोनी के मामले में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश देना उनके अधिकार क्षेत्र में ही नहीं है बाबजूद इसके एडीएम के द्वारा 26 दिसम्बर को नपा में जनप्रतिनिधि उपाध्यक्ष श्रीमती सरोज व्यास को अवैध कॉलोनी के मामले में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश देना कहीं ना कहीं राजनीतिक द्ववेषपूर्ण भावना और दबाब के रूप में कार्य किया जाना प्रतीत होता है
यह न्यायोचित नहीं है ऐसे मामलो में प्रशासनिक अधिकारियों को मार्गदर्शन लेकर अपने कर्तव्य का निर्वहन करना चाहिए लेकिन जो घटनाक्रम घटित हुआ इससे कहीं ना कहीं राजनीतिक दबाब के चलते कार्य किया गया, हम इस तरह की घटनाओं को लेकर लगातार कानूनी सलाह लेकर उचित कार्यवाही के लिए बाध्य हैं और रहेंगें। यह बात कही सांसद प्रतिनिधि रामजी व्यास ने जिन्होंने माननीय उच्च न्यायलय से अवैध कॉलोनी के मामले में मिले स्टे पर कानूनी प्रक्रिया को स्वीकार करते हुए प्रशासनिक अधिकारियों को भविष्य में अपने कर्तव्य का ध्यान रखने के लिए आह्वान किया है। इस अवैध कॉलोनी मामले में एफआईआर दर्ज मामले में हाईकोर्ट से स्टे प्राप्त हुआ जिससे अब 2 महीने के लिए इस प्रकरण से सांसद प्रतिनिधि रामजी व्यास और नपा उपाध्यक्ष श्रीमती सरोज व्यास को राहत मिल गई है। इस मामले में भी सुनवाई के दौरान स्टे में कोर्ट ने प्रशासन के इस निर्णय को सही नहीं माना है और अब इसका फैसला मार्च के अंत में होने वाली सुनवाई पर निर्भर होगा।
यह है मामला
बताना होगा कि सांसद प्रतिनिधि राम जी व्यास और उनकी पत्नी नगरपालिका उपाध्यक्ष सरोज व्यास पर 16 जनवरी को अवैध कॉलोनी को लेकर एफआईआर थाना फिजीकल में दर्ज की गई थी। दरअसल अवैध कॉलोनी निर्माण वाले मामले में 26 दिसंबर को एडीएम विवेक रघुवंशी के कार्यालय से सांसद प्रतिनिधि रामजी व्यास और नपा उपाध्यक्ष श्रीमती सरोज व्यास के खिलाफ नोटिस जारी हुआ था, जिसमें 2 जनवरी को जवाब प्रस्तुत करना था, तत्समय मौखिक निवेदन कर सांसद प्रतिनिधि ने इस मामले में अपने वकील के माध्यम से 5 जनवरी का दिन सुनवाई के लिए ले ली। इसी दौरान आनन फानन में 16 जनवरी को राम जी व्यास और सरोज व्यास पर एफ आई आर दर्ज करने की कार्रवाई कराने के निर्देश एडीएम विवेक रघुवंशी ने सीएमओ केशव सगर को दिए। जिस पर फिजिकल थाने में मामला दर्ज हुआ। जिसमें दोनों को आरोपी बनाया गया।
इनका कहना है-
अगली सुनवाई मार्च में होगी, कोर्ट से निर्णय आया है, जिसमें फिलहाल स्टे मिला है, इसकी अगली सुनवाई मार्च माह में होगी, इसके बाद ही हम इसमें कुछ कह सकेंगे।
विवेक रघुवंशी
एडीएम शिवपुरी
यह है मामला
बताना होगा कि सांसद प्रतिनिधि राम जी व्यास और उनकी पत्नी नगरपालिका उपाध्यक्ष सरोज व्यास पर 16 जनवरी को अवैध कॉलोनी को लेकर एफआईआर थाना फिजीकल में दर्ज की गई थी। दरअसल अवैध कॉलोनी निर्माण वाले मामले में 26 दिसंबर को एडीएम विवेक रघुवंशी के कार्यालय से सांसद प्रतिनिधि रामजी व्यास और नपा उपाध्यक्ष श्रीमती सरोज व्यास के खिलाफ नोटिस जारी हुआ था, जिसमें 2 जनवरी को जवाब प्रस्तुत करना था, तत्समय मौखिक निवेदन कर सांसद प्रतिनिधि ने इस मामले में अपने वकील के माध्यम से 5 जनवरी का दिन सुनवाई के लिए ले ली। इसी दौरान आनन फानन में 16 जनवरी को राम जी व्यास और सरोज व्यास पर एफ आई आर दर्ज करने की कार्रवाई कराने के निर्देश एडीएम विवेक रघुवंशी ने सीएमओ केशव सगर को दिए। जिस पर फिजिकल थाने में मामला दर्ज हुआ। जिसमें दोनों को आरोपी बनाया गया।
इनका कहना है-
अगली सुनवाई मार्च में होगी, कोर्ट से निर्णय आया है, जिसमें फिलहाल स्टे मिला है, इसकी अगली सुनवाई मार्च माह में होगी, इसके बाद ही हम इसमें कुछ कह सकेंगे।
विवेक रघुवंशी
एडीएम शिवपुरी
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