श्रीबांकड़े हनुमान मंदिर पर आयोजित है नवकुण्डीय महायज्ञ के साथ श्रीमद् भागवत कथाशिवपुरी-जीवन में जब भी हमें ईश्वर का सानिध्य प्राप्त करना है तब श्रीमद् भागवत कथा ने हमेशा मनुष्य को सद्मार्ग का मार्ग प्रदान किया है और इस मनुष्य को सार्थक करना है तो ईश्वरीय भक्ति के अलावा अन्य कोई माध्यम नहीं, इसलिए जब भी कोई पुण्य कार्य करें तो ईश्वर का ध्यान जरूर करना चाहिए। सार्थक जीवन जीने का यह मार्ग प्रशस्त किया प्रसिद्ध श्रीमद् भागवत कथा वाचक डॉ.गिरीश जी महाराज ने जो स्थानीय श्रीबांकड़े हनुमान मंदिर पर आयोजित कथा में आर्शीवचन प्रदान कर रहे थे।
इस अवसर पर आचार्यत्व का दायित्व श्रीबांकड़े हनुमान मंदिर महंत गिरिराज जी महाराज के द्वारा किया गया। यह आयोजन सेवाभावी श्रीबांकड़े हनुमान सेवा संस्थान शिवपुरी के तत्वाधान में आयोजित किया गया है जिसमें ना केवल संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा बल्कि नवकुण्डी महायज्ञ भी धार्मिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में आयोजित है जिसमें शहर के धर्मप्रेमीजनों ने यजमान के रूप में शामिल होकर पुण्य लाभ अर्जित किया है। संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के रूप में कथा के तृतीय दिवस पर भक्त प्रहलाद चरित का व्याख्यान करते हुए व्यासपीठ से डॉ.गिरीश जी महाराज ने कहा कि भक्ति का यदि भाव देखना है तो इसके लिए भक्त प्रहलाद का जीवन है जो हमें सीख देता है कि जब भी ईश्वर का ध्यान करें तो एकाग्रचित होकर करें और सभी मनोरथ पूर्ण तभी होंगें जब इस संसार से विरक्त होकर ईश्वर भक्ति में लीन हो सकेंगें।
इस अवसर पर यजमानों के द्वारा सर्वप्रथम नवकुण्डीय महायज्ञ में आहुतियां दी गई तत्पश्चात आयोजित श्रीमद् भागवत कथा का धर्मलाभ सपरिवार कार्यक्रम में शामिल होकर प्राप्त किया गया। समस्त धर्मप्रेमीजनों से श्रीबांकड़े हनुमान सेवा संस्थान शिवपुरी के द्वारा आग्रह किया गया है कि अधिक से अधिक संख्या में कथा स्थल प्रसिद्ध श्रीबांकड़े हनुमान मंदिर पर पहुंचकर आयोजित नवकुण्डीय महायज्ञ एवं श्रीमद् भागवत कथा का धर्मलाभ प्राप्त कर अपने जीवन को धन्य बनाऐं।
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