सोनीपुरा में भगवान श्रीकृष्ण की निकली बाराज, कथा में धूमधाम से हुआ श्रीकृष्ण रूकमणी विवाह का आयोजनशिवपुरी-अपना मन संतो को अपना धन दीन हीन मानवता की सेवा में लगाना चाहिए, निश्चित ही यह मानव जीवन दूसरों के लिए सेवाभाव के रूप में समर्पित हो तो इस जीवन का सार्थक होना सिद्ध होता है लेकिन देखा गया है कि व्यक्ति जरूरतमंदों को देखकर भी नजर अंदाज कर देता है हालांकि इसमें दोष उसका भी नहीं, क्योंकि इस संसारा में प्रपंच रचने वाले और दिखावे वाले अनेकों लोग होते है इसलिए अपने दान को वह सही रूप में लगाना चाहता है और मनुष्य को अपने दान की महिमा को देखने की नहीं बल्कि दान करने की महिमा को समझना चाहिए।
यह आर्शीवचन और धर्म के माध्यम से दान का मार्ग प्रशस्त किया सोनीपुरा हनुमान मंदिर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के अंतर्गत बरसाना से पधारे आचार्य हेमंत कृष्ण जी हेमू जी महाराज ने जो उपस्थित श्रद्धालुओं को दान की महिमा के बारे में प्रवचन प्रदान कर रहे थे। इस दौरान महाराज जी ने कहा कि जीवन की सार्थकता हरीभक्ति से है जीवन में संत का समागम ही श्रीहरि को प्रकट करता है। इस अवसर पर कथा के विश्राम में श्रद्धालुओं ने ढोल नगाड़ों के साथ चौराहा से कथा पंडाल तक भगवान श्रीकृष्ण की बारात निकाली और श्रीकृष्ण रुक्मणी विवाह संपन्न हुआ। कथा के मुख्य यजमान शिवनारायण हेमलता मित्रा ने कन्यादान कर पुण्य अर्जन किया। संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा में आज कथा के विश्राम से पूर्व श्रीकृष्ण सुदामा चरित कथा का वर्णन व्यासपीठ से आचार्य हेमंत कृष्ण जी हेमू जी महाराज के द्वारा कथा का वृतान्त श्रवण किया जाएगा। कथा समापन की ओर है और समस्त धर्मप्रेमीजनों से अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर पुण्य लाभ अर्जित करने का आग्रह किया है।
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