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Shishukunj

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Monday, February 6, 2023

हातोद में मनी कर्नल ढिल्लन की 17वीं पुण्यतिथि, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने दी श्रद्धांजलि


शिवपुरी-
प्रख्यात स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, पद्मभूषण स्व. कर्नल जी.एस.ढिल्लन की 17वीं पुण्यतिथि तहसील शिवपुरी के ग्राम हातोद में मनाई गयी। राज्य मंत्री दर्जा प्रहलाद भारती, आईटीबीपी के डीआईजी सुरेंद्र खत्री, कलेक्टर रविन्द्र कुमार चौधरी सहित अन्य अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके समाधि स्थल हातोद में हर साल की तरह इस बार भी मेला लगा। लोगों ने अमर शहीद को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उनकी शहादत को याद किया। प्रहलाद भारती ने उन्हें याद करते हुए कहा कि हम उनके जीवन काल से प्रेरणा मिलती है। कर्नल गुरबख्श सिंह ढिल्लन की पुत्री अमृता मेहरोत्रा ने जो कि पेशे से एक वरिष्ठ चिकित्सक हैं।

ग्वालियर मेडिकल कॉलेज की डीन के रूप में उन्होंने कई वर्षों तक काम किया है। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए गुरबख्श सिंह ढिल्लन के बारे में बताया कि किस प्रकार उन्होंने अपने जीवन में कई संघर्ष किए लेकिन वह हर परिस्थिति में मुस्कुराते हुए आगे बढ़े। उनके जीवन से हमें यही प्रेरणा मिलती है कि हर घड़ी का डटकर सामना करना चाहिए। इस कार्यक्रम में राज्य मंत्री दर्जा प्रहलाद भारती, जिला अध्यक्ष राजू बाथम, आइटीबीपी डीआईजी सुरेंद्र खत्री,  कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी, एडीएम विवेक रघुवंशी, जिला पंचायत सीईओ उमराव मरावी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण भूरिया, प्रशासन और पुलिस और एनसीसी के अन्य अधिकारी और कर्नल ढिल्लन के परिजन उपस्थित रहे।

सर्व धर्म सभा का आयोजन
इस अवसर पर एक सर्व धर्म सभा का आयोजन भी किया गया। जिसमें हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई धर्म से जुड़े गुरुओं ने अपने अपने विचार रखे। गुरु ने गुरुजनों ने शांति और सद्भाव के मार्ग पर चलने व एकता और भाईचारे के साथ रहने के लिए प्रेरित किया। इसके अलावा कर्नल गुरुबख्श सिंह ढिल्लन के साथ के समय को याद किया। बच्चों ने राष्ट्रभक्ति गीत पर प्रस्तुति दी।

ब्रिटिश सेना के खिलाफ संभाला था मोर्चा
कर्नल गुरुबख्श सिंह ढिल्लन को नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने नेहरू बिग्रेड की कमान सौंपी थी। नेताजी की टीम में रहते हुए ब्रिटिश सेना के खिलाफ मोर्चा संभाला। देश की आजादी के 50 वर्ष पूर्ण होने पर भारत सरकार ने उनके नाम पर डाक टिकिट जारी किए। उन्हें पद्म भूषण की उपाधि से अलंकृत किया गया।

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