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Friday, January 6, 2023

मुनिश्री प्रमाण सागर जी के निर्देश पर स्थगित किया आन्दोलन


श्रीसम्मेद शिखर को पर्यटक स्थल से मुक्ति दिलाने पर जैन समाज ने माना केन्द्र सरकार का आभार

शिवपुरी-जैन समाज की धार्मिक आस्था का केन्द्र श्रीसम्मेद शिखर की पवित्रता को बचाने के लिए चल रहे अनिश्चितकालीन आन्दोलन को शुक्रवार को स्थगित कर दिया गया लेकिन पूरी तरह से बंद नहीं किया। यहां मुनिश्री प्रमाण सागर जी के निर्देशों का पालन करते हुए सकल जैन समाज शिवपुरी के द्वारा गजट नोटिफिकेशन नहीं होने को लेकर नाराजगी व्यक्त की गई लेकिन फिलहाल की स्थिति में श्रीसम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल से हटाए जाने की मांग केन्द्र सरकार के द्वारा स्वीकार करने पर आभार व्यक्त करते हुए यह अनिश्चितकालनी धरना स्थगित कर दिया गया लेकिन निरस्त नहीं किया, यदि मांगों पर पूर्ण विचार नहीं किया गया तो पुन: आन्दोलन होने की संभावना है।

श्रीसम्मेद शिखर धरना प्रदर्शन के कार्यवाहक अध्यक्ष महेन्द्र जैन भैय्यन ने बताया कि बीती 2 जनवरी से सकल जैन समाज के साथ-साथ शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों के द्वारा जैन धर्म की आस्था के प्रतीक श्रीसम्मेद शिखर की पावन पवित्रता को बचाए रखने के लिए पर्यटन स्थल से मुक्त कराए जाने की मांग को लेकर शहर के माधवचौक चौराहे पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया गया था। इस धरने में प्रतिदिन शहर की विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों, विभिन्न सामाजिक संगठनों सहित बार एसोसिएशन के द्वारा अपना समर्थन प्रदान करते हुए इस धरना प्रदर्शन में शामिल हुए और प्रतिदिन अपने वक्तव्यों को लेकर केन्द्र व झारखण्ड सरकार को कोसा और श्रीसम्मेद शिखर की पावन पवित्रता को बचाए रखने का आह्वान किया गया। 

इस दौरान इस धरने के तहत शुक्रवार को यहां विरोधस्वरूप मुंडन कार्यक्रम तय किया गया था लेकिन जैन समाज के द्वारा पूरे देश भर में श्रीसम्मेद शिखर को बचाए रखने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रदर्शन लगातार बढ़ रहे थे और इसे देखते हुए केन्द्र सरकार के द्वारा आदेश जारी कर श्रीसम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल से मुक्त रखने के निर्देश दिए गए साथ ही वहां मांस बिक्री सहित अन्य असामाजिक गतिविधियों पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए जिस पर झारखण्ड सरकार ने भी सहमति प्रदान की, हालांकि इसके बाद भी जैन समाज के द्वारा गजट नोटिफिकेशन की मांग की गई लेकिन इसी बीच श्रीसम्मेद शिखर से प्रसिद्ध मुनिश्री प्रमाण सागर जी के आह़्वान पर शिवपुरी जिला मुख्यालय पर जारी अनिश्तकालीन धरने को स्थगित कर दिया गया है। 

इस अवसर पर सकल जैन समाज के द्वारा श्रीसम्मेद शिखर की इस पवित्रता को बचाने में आगे आए विभिन्न समाजसेवी, सामाजि संगठनों की सहभागिता पर आभार व्यक्त किया गया और आगे भी निरंतर इसी तरह का सहयोग बनाए रखने की अपेक्षा व्यक्त की।  

जैन संगठन के द्वारा जताई गई आपत्ति
श्रीसम्मेद शिखर जी को लेकर विश्व जैन संगठन के अध्यक्ष संजय जैन की प्रेरणा से भारत भर की जैन समाज ने केंद्र सरकार के आदेश के विरुद्ध जो आंदोलन खड़ा किया उससे डरकर केंद्र सरकार के वन मंत्रालय ने 5 जनवरी को एक आदेश निकाल कर गेंद झारखंड सरकार के पाले में डाल दी है लेकिन यह एक अस्थाई समाधान है स्थाई नहीं। स्वयं के मंतव्य को बताते हुए उन्होंने बताया कि यह पुख्ता समाधान नहीं है, इससे पहले जैसी स्थिति तो बन जाएगी पर जैन समाज को नया कुछ भी हासिल नहीं हुआ। 

इस मेमोरेंडम से इतना तो होगा कि जो घोर अपवित्र गतिविधियां वहां होनी थी, उनका प्रावधान खत्म हुआ परंतु पर्वतराज को पवित्र तीर्थ घोषित नहीं किया है, मात्र पर्यटन संबंधी गतिविधियों जैसे कैंपिंग, ट्रेकिंग, मांस मदिरा भक्षण आदि पर रोक लगाई है, राजपत्र से वो बिंदु नहीं हटाया गया जिसमें लिखा है कि पारसनाथ पर्वत का एक भाग जैनों का तीर्थ माना जाता है। पूरा का पूरा पर्वत हमारा है, दिशोम मांझी स्थानम करके जो मंदिर पहाड़ पर बनाया गया है , वह 1991 के पूजा स्थल अधिनियम का उल्लंघन है। उस मंदिर को हटाना चाहिए, पर्वत के 5 किमी के रेडियस में मांस मदिरा आदि पर अभी भी बैन नहीं है, जैसे मथुरा, वैष्णो देवी, काशी विश्वनाथ, तिरुपति जैसे मंदिरों में चेकिंग होती है, उसका भी प्रावधान अभी नहीं हुआ है, पर्वत पर बाइक और मोटर व्हीकल पर अभी भी रोक नहीं लगी है ईको सेंसिटिव जोन होने के बावजूद, स्थानीय प्रशासन की सख्ती के बिना कुछ भी संभव नहीं है। मात्र कानून बनने से पालन हो जाएगा, ऐसा असलियत में नहीं होता। उसके लिए हमें लगातार स्थानीय प्रशासन पर दबाव बनाना होगा।

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