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Monday, January 2, 2023

शिवपुरी में बच्चों के लिए व्यक्तित्व विकास की आधारशिला है नारायणा स्कूल : डीन डॉ.के.बी.वर्मा




नारायणा स्कूल के प्रबंधकों ने दी विद्यालय के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी, अभिभावक हुए प्रभावित

हॉलीवड्स स्कूल के प्रांगण में प्रसिद्ध नारायणा स्कूल का हुआ भव्य शुभारंभ, पहले ही दिन अभिभावकों ने कराए एडमिशन

शिवपुरी-वर्तमान समय आधुनिक शिक्षा का है और ऐसे में हैदराबाद से चलकर अब शिवपुरी में ई-टैक्नो के रूप में खुलने जा रहा नारायणा स्कूल निश्चित ही शिवपुरी के बच्चों के लिए व्यक्तित्व विकास की आधारशिला साबित होगा, यहां जो आधुनिक पद्वतियों के साथ बच्चों को शिक्षा प्रदान करने का आधार बताया गया है निश्चित रूप से वह शिक्षा प्राप्त करने के लिए अब शिवपुरी के होनहार बच्चों को इंदौर, दिल्ली, कोटा जैसे शहरों में जाने की आवश्यकता नहीं होगी, उन्हें यह आधुनिक और संस्कारित शिक्षा यहीं उपलब्ध हो सकेगी। उक्त उद्गार व्यक्त किए मेडीकल कॉलेज के डीन डॉ.के.बी.वर्मा ने जो स्थानीय हॉलीवड्स स्क्ूल प्रांगण में आयोजित नारायणा स्कूल का शुभारंभ करते हुए मुख्य अतिथि की आसंदी से अपना संबोधन दे रहे थे। इस दौरान नारायणा स्कूल प्रबंधन मप्र और महाराष्ट्र निदेशक डीजीएम राममोहन रेड्डी, मप्र स्टेट कॉर्डिनेटर मोहन रेड्डी, बीआरसीसी अंगद सिंह तोमर, अमित तोमर कॉर्डिनेटर हॉकी एसोसिएशन मप्र एवं श्रीमती प्रधन्या कस्तुरे प्राचार्य ई-टैक्नो नारायणा स्कूल ग्वालियर एवं शिवपुरी में खुलने जा रहे नारायणा स्कूल की डायरेक्टर सनोबर खान व डायरेक्टर संदीप भौंसले मंचासीन रहे। कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्जवलन के साथ हुई। यहां स्कूल प्रारंभ होने के साथ कई अभिभावकों ने अपने बच्चों का प्रवेश भी नारायणा स्कूल के प्रारंभ होने के साथ कराया। यहां कार्यक्रम के अंत में अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मान किया गया।

देश में 625 संस्थानों के साथ उज्जवल शिक्षा प्रदान कराता है नारायणा स्कूल : डीजीएम मोहन रेड्डी

नारायणा स्कूल के डीजीएम मोहन रेड्डी ने विद्यालय के बारे में बताया कि शिक्षा ही जीवन का मूल्य आधार है और वर्तमान युग में प्राप्त की जाने वाली शिक्षा से यदि भविष्य सुरक्षित और संवार जाए तो इससे बेहतर शिक्षा प्रणाली और कोई नहीं, शिवपुरी जिले के वह सभी अभिभावक जो बच्चों को प्राथमिक कक्षा से हायर सेकेण्डरी स्कूल तक की शिक्षा दिलाकर बाहर भेजते है तो कई चिंताऐं भी उनके माथे पर लगी रही थी, हमने प्रयास किया है कि ऐसी चिंताओं को जिला मुख्यालय शिवपुरी पर ही चिंता मुक्त शिक्षा प्रदान की जाए,इसे लेकर ही हम हैदराबाद सहित पूरे देश में करीब 625 संस्थानाओं और मध्यप्रदेश में तीसरा प्रसिद्ध नारायणा स्कूल की स्थापना शिवपुरी में हुई है जिससे यहां मिलने वाली शिक्षण व्यवस्था से निश्चित ही शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चों का भविष्य ना केवल सुरक्षित रहेगा बल्कि उनका भविष्य भी संवारा जाएगा।

विश्व स्तरीय शिक्षा और कैरियर संवारना है नारायणा स्कूल का मुख्य उद्देश्य

संक्षिप्त रूप से नारायणा स्कूल के शुभारंभ अवसर पर प्रबंधन संदीप भौंसले व सनोबर खान के द्वारा संयुक्त रूप से बताया गया कि यह शिक्षण संस्थान पूरे भारत वर्ष में सबसे अधिक मांग वाला शैक्षणिक संस्थान है जिस पर हमें गर्व है कि जिसने लगभग 1100+ शैक्षिक प्रतिष्ठानों के साथ 44 सफल वर्ष पूरे किए हैं, जिसमें स्कूल, कोचिंग सेंटर और कॉलेज शामिल हैं। इस संस्थान के संस्थापक सर का मिशन भारतीय छात्रों को विश्व स्तरीय शिक्षा और करियर प्रदान करना है। प्रबंधन नारायणा स्कूल मानता है कि एक छात्र की शिक्षा तभी पूरी होती है जब हम ज्ञान आधारित और कैरियर उन्मुख प्रशिक्षण प्रदान करने के अलावा उसके समग्र विकास में योगदान करने में सक्षम होते हैं। छात्रों को उनके जीवन के हर क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए लीग प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से, नारायणा ग्रुप परिणाम-उन्मुख इनपुट पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

शिवपुरी में खुला एशिया का सबसे बड़ा शैक्षणिक संस्थान

शहर शिवपुरी भी नारायणा समूह में शामिल होने जा रहे हैं, जो एशिया के सबसे बड़े शैक्षिक संस्थानों में से एक है। पूरे पैन इंडिया में सबसे अधिक छात्रों के साथ जिसमें 40 हजार शिक्षकों और 676+ संस्थानों के साथ लगभग 4 लाख छात्र हैं। प्रतिक्रियाओं को देखते हुए और नारायणा में विश्वास करते हुए हम हर साल अलग-अलग राज्यों में 10 नई शाखाओं के साथ आ रहे हैं। नारायणा के पाठ्यक्रमों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ-साथ बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने में मदद करने के लिए उम्मीदवारों की सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। हमारे केंद्रों में अपनाई गई नवीन रणनीतियाँ और तकनीकें हमारे छात्रों को शीर्ष-स्तरीय इंजीनियरिंग/मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं के हमेशा बदलते पैटर्न से अवगत कराती हैं। परिणामस्वरूप, नारायण के समय-परीक्षणित शिक्षण सूत्र सभी पृष्ठभूमि के छात्रों को लाभान्वित करने के लिए भारत के दूर-दराज के कोनों तक पहुँच रहे हैं।

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