हवन और प्रवचनों के साथ आर्य समाज का वार्षिकोत्सव हुआ प्रारंभशिवपुरी-जीवन को संयमित और सरल बनाना है तो इसके लिए आवश्यक है वेदों के ज्ञान को धारण करें और वेदों के बताए मार्ग पर चलें, निश्चित ही आज के समय में जीवन में व्यस्तता, तनाव और इतनी जद्दोजहद है कि व्यक्ति केवल अर्थ के पीछे ही भागा जा रहा है लेकिन इस जीवन को जीना है तो प्रकृति के अनुकूल वातावरण को धारण करें, प्रात: काल ब्रह्ममूर्त में उठें और फिर देखें कि किस प्रकार से सूर्य की फैलती किरणें आपके इस मानव रूपी देह को नया जीवन प्रदाय करेंगी। जीवन जीने का यह अनूठा मार्ग प्रशस्त किया अजमेर से शिवपुरी जिला मुख्यालय स्थित आर्य समाज मंदिर में पधारे प्रसिद्ध आर्य वक्ता आचार्य अंकित प्रभाकर ने जो स्थानीय आर्य समाज रोड़ स्थित आर्य समाज मंदिर के वार्षिकोत्सव समारोह के शुभारंभ अवसर पर अपने आर्शीवचन प्रदान करते हुए मानव जीवन जीने की नई प्रेरणा को जागृत कर रहे थे।
इसके पूर्व आर्य समाज के प्रदेश प्रधान इन्द्रप्रकाश गांधी, शिवपुरी आर्य समाज के संस्थापक समीर गांधी, धर्मेश अरोरा, इन्द्रजीत चावला, हनी हरियाणी, कपिल मंगल, मनोज अग्रवाल, नमन विरमानी, गगन अरोरा आदि सहित अन्य आर्यजनों व उपस्थित श्रद्धालुओं के द्वारा आचार्य अंकित प्रभाकर जी की आगवानी मंदिर परिसर में की गई और सर्वप्रथम वार्षिकोत्सव के प्रारंभ से पूर्व वैदिक मंत्रोच्चारण से हवन किया गया तत्पश्चात प्रवचनों की श्रृंखला शुरू हुई।
इस अवसर पर चार प्रमुख तत्वों को लेकर आचार्य अंकित प्रभाकर ने बड़े ही सरल शब्दों में जीवन जीने की व्याख्या को निरूपित किया उन्होंने कहा कि धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष यह चार मार्ग ऐसे है जिस पर चलने वाला हरेक प्राणी होता है लेकिन अपने जीवन जीने के उद्देश्यों को लेकर वह भटक जाता है यदि वह आर्य समाज के अनुसार वेदों की वाणी के अनुरूप जीवन को जीएगा तो कभी भी वह तनाव में नहीं रहेगा, कभी भी उसका जीवन संकट में नहीं आएगा, वह घर-परिवार और समाज के साथ मिलकर राष्ट्र निर्माण में महती भूमिका निभाएगा, इसलिए वेदों की वाणी को जब सुनें तो उसे श्रवण करते हुए उसके बताए मार्ग पर भी चलने का प्रयास करें तभी यह वेद ज्ञान से मानव रूपी जीवन अपने सही दिशा मार्ग को प्राप्त कर सकेगा।
सरल व्यवहार के रूप में आचार्य अंकित प्रभाकर ने समस्त लोगों से आह्वान किया कि मनु के वाक्य अनुसार प्रात: काल सूर्य निकलने से पहले उठ जाना चाहिए, घर से जब अपने काम पर या दफ्तर जाऐं तो प्रसन्नचित मुद्रा में अच्छे भाव बनाकर जाऐं, जब कोई मिले तो उससे सरल होकर मिलें और जब कोई काम करें तो बिना तनाव के काम करें। ऐसा करने से निश्चित ही आपके जीवन में बदलाव आएगा। आर्य समाज शिवपुरी के द्वारा समस्त धर्मप्रेमीजनों से आर्य समाज मंदिर में आयोजित वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने का आह्वान किया गया है जहां प्रात: 8:30 बजे से 10:30 बजे तक हवन-प्रवचन एवं रात्रि 8 बजे से9:30 बजे तक विशेष प्रवचन श्रृंखला का आयोजन आर्य समाज मंदिर में किया गया है।
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