शिवपुरी -विश्व गीता प्रतिष्ठानम उज्जयिनी के गीता स्वाध्याय मंडलम शिवपुरी एवं भारतीय साहित्य एवं संस्कृति संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में मधुर भक्ति रस से सराबोर भजन संध्या प्रेम धाम शिवपुरी पर आयोजित की गई । लगातार 5 घंटे चली इस भजन संध्या में रमेश कोठारी ने ये गीता हमारी परम पूज्य वाणी, घर घर गीता का प्रचार हो सदाचार और सद्विचार हो, गीता बहुत महान ग्रंथ है, दिल से हरि की याद भुलाई न जाएगी, न जाने कौन सी धुन पर दयानिधि गीत गाते हैं, सुनील भार्गव ने चल दिए जिस समय राम वन के लिए,हे शंभू बाबा मेरे भोलेनाथ, त्रिलोचन जोशी ने ऐसी लागी लगन मीरा हो गई मगन, श्याम पिया मोरी रंग दे चुनरिया, विजय भार्गव ने दर्शन दो घनश्याम,
अभिरुचि सक्सेना ने अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम, अवधेश सक्सेना ने मेरे बांके बिहारी लाल तू इतना मत करियो श्रृंगार, अनुपम जैन ने कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं, देवा हो देवा गणपति देवा, बृजेश अग्निहोत्री ने मैली चादर ओढ़ के कैसे द्वार तुम्हारे आऊं, मुकेश आचार्य ने श्याम तेरी वंशी को बजने से काम, देना हो तो दीजिए, तूने मुझे बुलाया शेरा वालिए,तेरे दरबार में मैया खुशी मिलती है, भोले ओ भोले,
शरद गोस्वामी ने इतनी शक्ति हमें देना दाता, संगीता श्रीवास्तव ने राधिका गौरी से, सजा दो घर को गुलशन सा मेरे सरकार आए हैं, जैसे कई भजनों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया । भजन संध्या में गीता स्वाध्याय मंडलम के जिला संयोजक ओ पी शिवहरे एवं अन्य स्वाध्यायी ओम प्रकाश शर्मा, रमेश पाठक, श्री दिलीप माथुर, श्रीमती चंद्रवाला मेहता, श्रीमती अर्चना सक्सेना आदि की गरिमामयी उपस्थिति में भक्ति रस धारा बही जिसका भरपूर आनंद उपस्थित श्रोताओं ने लिया ।
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