सेन्ट्रल बैंक पर लगे आरोपों को बताया निराधारशिवपुरी- सेन्ट्रल बैंक पर उपभोक्ता सेवा में कमी को लेकर एक शिकायत परिवादी के द्वारा उपभोक्ता फोरम में की गई, जहां इस मामले में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग, शिवपुरी के द्वारा मामले की संपूर्ण सुनवाई उपरांत बैंक सेवा में कोई त्रुटि ना मानते हुए परिवादी को ही दोषी ठहराया गया और उसका यह मामला उपभोक्ता फोरम में चलन योग्य ना मानते हुए खारिज कर दिया गया साथ ही सेन्ट्रल बैंक पर लगे आरोंपो को भी निराधार बताया। मामले की सुनवाई जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग शिवपुरी के अध्यक्ष गौरीशंकर दुबे एवं सदस्य राजीव कृष्ण शर्मा के समक्ष हुई जिसमें आवेदक पक्ष की ओर से पैरवी अभिभाषक अजय जैन के द्वारा व अनावेदक सेन्ट्रल बैंक की ओर से पैरवी अभिभाषक मनीष मित्तल के द्वारा गई।
प्रकरण के अनुसार परिवादी दीवान सिंह पुत्र सरवन सिंह यादव निवासी 40 नं.कोठी अहीर मोहल्ला हाल निवासी फॉरेस्ट कॉलोनी लुधावली शिवपुरी के द्वारा शाखा प्रबंधक सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया के विरूद्ध उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कराई कि उसके सेन्ट्रल बैंक खाता क्रं.3055086835 में से 2,40,000 रूपये अवैधानिक रूप से निकाले जाना बताया और सेन्ट्रल बैंक से ब्याज सहित राशि वापिस दिलाने को लेकर क्षतिपूर्ति हेतु परिवाद धारा 36 उपभोक्ता संरक्षण अधि.2019 के तहत पेश किया। यहां इस प्रकरण में परिवादी दीवान सिंह ने बताया कि उसे अपने बैंक खाते से ट्रांजेक्शन हेतु एटीएम दिया गया था आवेदक के अनुसार वह कार्य नहीं कर रहा था तभी वह 5.08.2021 को बैंक गया और शाखा प्रबंधक से संपर्क किया तब शाखा प्रबंधक के द्वारा बैक कर्मचारी जितेंन्द्र को परिवादी दीवान सिंह के साथ भेजा और कहा कि एटीएम चैक कर लें इस पर कर्मचारी जितेन्द्र को परिवादी के साथ एटीएम गया और कार्ड डालकर देखा तो वह कार्य नहीं कर रहा था यह बैंक मैनेजर को बताई और जितेन्द्र ने कहा कि वह एटीएम तोड़कर नष्ट कर देगा अर्थात् शाखा प्रबंधक की सहमति के आधार पर दीवान सिंह ने बैंक कर्मचारी जितेन्द्र को अपना एटीएम दे दिया और नवीन एटीएम के लिए फार्म भी भर लिया।
इसी बीच बैंक खाते से 2,40,000 रूपये निकासी को लेकर बैंक प्रबंधन पर आरोप लगए कि उसकी असहमति के बगैगर 5 अगस्त से 17 जुलाई 2021 को ही ग्वालियर बाड़ा एटीएम पर दीवान सिंह ने अपने एटीएम कार्ड का उपयोग किया और ट्रांजेक्शन हुआ इसके बाद एटीएम से दिनांक 15.06.21 से लगातार बैलेंस की इंक्वायरी की जाती रही और सारे ट्रांजेक्शन मैसेज दीवान सिंह के मोबाईल पर आ रहे थे जो कि बैंक स्टेट में भी दर्ज है। इस दौरान दीवान सिंह के द्वारा 15.08.21 को बैंक मैनेजर से संपर्क नहीं किया और बैंक कर्मचारी जितेन्द्र को भी एटीएम नहीं दिया और उसने एटीएम नष्ट करने के लिए अपने पास भी नहीं रखा, ऐसे में परिवादी के द्वारा कब और कितनी राशि निकाली गई यह उसे ज्ञात होगा।
इस मामले में आवेदक दीवान सिंह के द्वारा दिनांक 12.11.21 को पुलिस थाने में भी अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध धारा 420 के तहत धोखाधड़ी संबंधी शिकायत दर्ज कराई गई है। ऐसे में एटीएम का उपयोग करते हुए आवेदक के खाते से राशि निकाली गई है इससे स्पष्ट है कि आवेदक ने अपना स्वयं का एटीएम किसी अन्य व्यक्ति को दे दिया या किसी अन्य व्यक्ति ने आवेदक का एटीएम किसी तरह प्राप्त कर लिया है और विभिन्न शहरों में जाकर विभिन्न दिनांकों को राशियां भी निकाली गई है। इस संबंध में उपभोक्ता फोरम ने मामले की सुनवाई उपरांत फैसला सुनाया कि अनावेदक सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया की कोई ऋटि या सेवा में कमी होना इस पूरे मामले में प्रमाणित नहीं हो रहा है अत: यह परिवाद गुणदोष के आधार पर भी प्रचलन योग्य न होने और धोखाधड़ी संबंधी एफआईआर दर्ज होने के कारण इस आयोग के समक्ष प्रचलन न होने से खारिज किया जाता है।
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