श्रीवृन्दावनधाम से पधारे पं.श्रीसंतोषकृष्ण दुबे जी करेंगें कथा का वाचनशिवपुरी-मनुष्य जन्म लेकर स्वयं के आत्मकल्याण और प्रत्येक प्राणी के कल्याण को लेकर श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन ही एक मात्र ऐसा माध्यम है जिससे स्वयं आयोजक, श्रोता और आसपास का वातावरण भी धर्ममय होकर श्रीकृष्ण भक्ति करने लगता है। मानव कल्याण हेतु यह धर्मलाभ प्राप्त करने का अवसर प्राप्त किया श्रीमती सरोज-मुकेश कुशवाह व श्रीमती कल्पना-दिनेश कुशवाह ने जिन्होंने अपने पारिवारिक आयोजन के रूप में स्थानीय श्रीमंशापूर्ण मंदिर परिसर में सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया है।
कथा की शुरूआत सर्वप्रथम स्थानीय ऊॅं नम: शिवाय मंदिर से कलश यात्रा के साथ हुई जिसमें कथा के मुख्य यजमान श्रीमद् भागवत कथा को सिर पर रखकर आगे चल रहे थे वहीं श्रीधाम वृन्दावन से पधारे कथा व्यास पं.श्रीसंतोषकृष्ण दुबे जी महाराज के मुखारबिन्द से होने वाली कथा का वाचन किया जाएगा। इस दौरान कलश यात्रा के पीछे रथयात्रा पर सवार पं.संतोषकृष्ण दुबे जी महाराज जन-जन को आर्शीवाद प्रदान कर रहे थे। कलश यात्रा समापन पश्चात कलश पूजन हुआ और इसके बाद श्रीमद् भागवत कथा प्रसंग पर व्यासपीठ से श्री दुबे जी महाराज द्वारा प्रकाश डाला गया जिसमें उन्होंने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन से ना केवल स्वयं कथा का यजमान बल्कि श्रोता और प्रत्येक प्राणी भी कथा का श्रवण लाभ प्राप्त कर अपना कल्याण करता है।
कथा का यह आयोजन 7 दिसम्बर तक जारी रहेगा कथा के विभिन्न प्रसंगों के तहत 2 दिसम्बर को जड़ भरत चरित्र एवं प्रहलाद चरित्र, 3 दिसम्बर को समुद्र मंथन, वामन चरित्र, श्रीराम चरित्र, श्रीकृष्ण जन्मोत्सव, 4 दिसम्बर को श्रीकृष्ण बाल-लीला, गोवर्धन पूजा, छप्पन भोग दरबार सजेगा, 5 दिसम्बर को रासलीला, कंसवध, उद्वव गोपी संवाद कथा का वर्णन होगा साथ ही 6 दिसम्बर को श्रीकृष्ण-रूकमणी विवाह एवं सुदामा चरित्र के साथ हवन-पूजन-पुर्णाहुति के साथ कथा को विराम दिया जाएगा।
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