शाश्वत जैन तीर्थ को बचाने के लिए बामोर कलां जैन समाज ने राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री,केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री, झारखंड के मुख्यमंत्री के साथ राज्य सरकार भारत सरकार दिल्ली के नाम ज्ञापन सौंपा
सम्मेद शिखरजी तीर्थ की शान में जैन समाज मैदान में
जैनियों की मांग शिखरजी को मिले सम्मान
बामौर कलाँ :- बामौर कलाँ जैन समाज के द्वारा एकजुट होकर सम्मेद शिखर तीर्थ क्षेत्र को बचाने के लिए बामौर कलाँ थाने में देश के राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री,केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री, झारखंड के मुख्यमंत्री के साथ राज्य सरकार भारत सरकार दिल्ली के नाम ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन के माध्यम से कीर्ति जैन ने वाचन करते हुए बताया कि जैन समाज के बीस तीर्थंकर परमात्माओं की पवित्र निर्वाण भूमि विश्व विख्यात श्री सम्मेद शिखर तीर्थ क्षेत्र है। यह तीर्थक्षेत्र भारत भूमि के पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक है। विशेषत: जैन धर्मावलंबियों के लिए तो आस्था एवं श्रद्धा का महत्वपूर्ण केंद्र है। इस तीर्थ को हाल ही में आपके द्वारा पर्यटन क्षेत्र घोषित किया गया है। तीर्थ क्षेत्र को पर्यटन स्थल घोषित करने का हम जैन समाज पूर्णता विरोध करते हैं। एवं जैन समाज को इस निर्णय से आहत हुई है। वही समग्र जैन समाज ने एकत्रित होकर "सम्मेद शिखर की शान में जैन समाज मैदान में ",पारसनाथ पर्वतराज व मधुवन को जैन तीर्थ घोषित करो,सर्वोच्च जैन तीर्थ को वन्य जीव अभ्यारण्य में शामिल करने की साजिश स्वीकार नहीं एवं जैनियों की मांग शिखर जी को मिले सम्मान गगनभेदी नारे लगाए। इस अवसर पर संपूर्ण जैन समाज के साथ कृष्णकांत दुबे,भज्जू महाराज, विवेक कटारे आदि गणमान्य ग्रामीण मौजूद रहे है
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