- नए साल में किसी बेटे- बेटी के जीवन में बाल विवाह दाग नहीं लगने देंगे
शिवपुरी- बाल विवाह को सिर्फ इसलिए नहीं रोकना कि वो सामाजिक बुराई है, बल्कि इसलिए भी रोकना है कि यह हमारे समाज के विकास में एक अवरोध है। कम उम्र में बेटे बेटियों को विवाह बंधन में बांधने के बजाय उन्हें शिक्षा के साथ विकास के अन्य अवसर उपलब्ध कराएं। आपके जो सपने गरीबी या संसाधनों के अभाव में अधूरे रह गए है, बच्चों को पढ़ाकर उन्हें पूरा कर सकते हो। यह सुझाव बाल विवाह एवं शिक्षा का अधिकार अधिनियम पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में बाल संरक्षण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा ने दिया।
टेरी डेज होम्स के सहयोग से परहित समाजसेवी संस्था द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में सेंवढ़ा, हिम्मतगढ़, मुड़खेड़ा, पतारा गांव के आदिवासी समाज के युवा, बच्चे एवं महिला पुरुषों के साथ बाल विवाह रोकथाम में सहयोगी विशेष किशोर पुलिस इकाई, बाल कल्याण समिति, महिला एवं बाल विकास तथा चाइल्ड लाइन के पदाधिकारी मौजूद थे।
कार्यक्रम में बाल कल्याण समिति अध्यक्ष डॉ सुषमा पांडेय ने मौजूद लोगों से कहा कि अब आप लोग बाल विवाह के दुष्परिणामों से परिचित हो गए है,इसलिए अब आपको संकल्प लेना चाहिए कि नए साल में हम किसी भी बच्चे को बाल विवाह के बंधन में नहीं बंधने देंगे। जिस पर वहां मौजूद समुदाय के लोगों ने एक साथ यह संकल्प लिया कि अब हम न तो अपने बच्चों का कम उम्र में विवाह करेंगे और न अपने गांव में निवासरत समुदाय के किसी भी परिवार में बाल विवाह होने देंगे।
विशेष किशोर पुलिस इकाई प्रभारी सूबेदार गायत्री इटोरिया ने कहा कि अगर आप लोगों के समझाने से लोग नहीं मानें तो आप लोग विवाह आयोजन से कुछ दिन पहले चाइल्ड लाइन नंबर 1098 या पुलिस को 100 नंबर पर सूचना दे सकते हो। उसके बाद हमारी टीम जाकर बाल विवाह करने वाले परिवार को समझाकर उसे रुकवाने का काम करेगी।
परहित संस्था सचिव राघवेंद्र सिंह ने बताया कि बाल विवाह की रोकथाम होगी तभी हर बच्चे को शिक्षा मिलेगी। शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है और उन्हें शिक्षा से जोड़ना हम सभी का कर्तव्य है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए परहित संस्था के समन्वयक मनोज सिंह भदौरिया ने बताया कि संस्था आदिवासी बाहुल्य गांवों में बाल विवाह, बाल श्रम रोकथाम एवं कुपोषण उन्मूलन के लिए कार्य कर रही है।
चाइल्ड लाइन सिटी कॉर्डिनेटर सौरभ भार्गव ने केस स्टडी के माध्यम से बाल विवाह के दुष्प्रभावों से परिचित कराया। चाइल्ड लाइन सेंटर कॉर्डिनेटर अरुण कुमार सेन ने चाइल्ड लाइन की गतिविधियों की जानकारी देते हुए बताया कि हेल्पलाइन नंबर 1098 पर सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जाता है।
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