शिवपुरी। वर्तमान समय में जिस तरह से समाज और देशों के बीच कटुता बढ़ रही है, उसे कम करने और लोगों के बीच आपसी भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए हर साल 20 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय मानव एकता दिवस मनाया जाता है। इस दिवस के अवसर पर शक्तिशाली महिला संगठन द्वारा आदिवासी बाहुल्य शहरी क्षेत्र कठमई में किशोरी बालिकाओं के साथ सामाजिक मानव एकजुटता बढ़ाने के लिए जागरूकता प्रोग्राम आयोजित किया। प्रोग्राम समन्वय रवि गोयल ने कहा की इस दिन लोगों को मानव एकता को लेकर जागरूक करने के साथ-साथ उन्हें मानवता के लिए कार्य करने की प्रेरणा भी दी जाती है।
यह दिवस उन लोगों को भी समर्पित है जो लोगों के बीच एकता बनाए रखने के लिए कार्य करते हैं। अंतर्राष्ट्रीय मानव एकता दिवस का इतिहास की बात करे तो यह संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित एक अंतर्राष्ट्रीय दिवस है। इसकी शुरुआत साल 2005 में हुई थी। दुनिया में आपसी सहयोग एवं सौहार्द को बढ़ावा देने हेतु संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सबसे पहले अंतर्राष्ट्रीय मानव एकता दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था। इसके बाद 22 दिसंबर 2005 को संकल्प 60/209 के माध्यम से निर्णय लिया गया कि हर साल 20 दिसंबर को 'अंतर्राष्ट्रीय मानव एकता दिवसÓ मनाया जाएगा।
सबसे पहल आगनवाड़ी केंद्र में ललित ओझा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शशिकांता ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मानव एकता दिवस का महत्व समझाया उन्होंने कहा दरअसल हमारी दुनिया विविधताओं से भरी हुई है। यहां अनेक धर्मों और संस्कृति के लोग निवास करते हैं। इसी विविधता के चलते अक्सर लोगों के बीच घृणा की भावना आ जाती है। समाजिक कार्यकर्ता वविता कुर्मी ने ने कहा की अंतर्राष्ट्रीय मानव एकता दिवस का उद्देश्य ये है की संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मानव एकता दिवस के संबंध में कुछ उद्देश्य तय किए गए हैं, जो कि इस प्रकार है- विविधता के एकता का प्रदर्शन, नागरिकों के मध्य एकता एवं भाईचारे की वृद्धि, अंतर्राष्ट्रीय संबंधो में मजबूती, समावेशी विकास हेतु आपसी सहयोग को बढ़ावा, सतत विकास को प्रोत्साहित करना, दुनिया में सौहार्द एवं शांति को ब?ावा देना, विश्व को एक बेहतर स्थान बनाना। प्रोग्राम में किशोरी बालिकाओं ने भाग लिया।
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