शिवपुरी-मध्य प्रदेश शासन संस्कृति विभाग के अंतर्गत मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी द्वारा 2022-23 के लिए शिवपुरी के वरिष्ठ साहित्यकार, सर्वश्रेष्ठ गीतकार और अपनी गज़़लों के लिए देश विदेश में पहचान बना चुके मशहूर शायर इंजी. अवधेश कुमार सक्सेना ÓअवधेशÓ की सौ गज़़लों का संग्रह मिल गई मंजिल मुझे, प्रकाशन हेतु स्वीकृत किया गया है। अवधेश के गज़़ल संग्रह की उर्दू पांडुलिपि को एक उच्च स्तरीय चयन समिति द्वारा प्रकाशन हेतु चयनित किया गया है। भारतीय भाषाओं में हिंदी के साथ घुल मिल चुकी उर्दू भाषा तहज़ीब की भाषा के रूप में जानी जाती है, इसे लिखना, पढऩा और बोलना बहुत ही आसान है और भारत की संस्कृति में ये पूरी तरह रची बसी है।
अवधेश ने अपनी गज़़लों में आम बोलचाल के शब्दों को शामिल करके अपनी गज़़लों को आम लोगों की पसंदीदा शायरी में शामिल कर दिया है। जनवरी 2023 में गज़ल संग्रहÓ मिल गई मंजिल मुझेÓ पाठकों के हाथ में पहुंचेगा। अवधेश के गज़ल संग्रह में मुहब्बत, इबादत, अध्यात्म, आम लोगों के दर्द, देश भक्ति, सामाजिक सरोकार जैसे विषयों पर कहे गए अशआर से तैयार गज़़लें पढऩे को मिलेंगी। आपने जो ज़िंदगी में कर लिया शामिल मुझे, अब सफऱ बाकी नहीं है, मिल गई मंजिल मुझे मतला से शीर्षक लिया गया है।
अवधेश कुमार सक्सेना ÓअवधेशÓ ने अपने गज़ल संग्रह के प्रकाशन की स्वीकृति प्रदान करने पर मध्य प्रदेश शासन, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, संस्कृति विभाग की मंत्री सुश्री ऊषा ठाकुर, मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी की निदेशक माननीय डॉ. नुसरत मेहदी एवं सभी पदाधिकारियों का हार्दिक आभार प्रकट किया है। गज़ल संग्रह प्रकाशन की स्वीकृति पर शिवपुरी के साहित्य जगत द्वारा अत्यंत प्रसन्नता व्यक्त करते हुए अवधेश को शुभकामनाएं दी जा रहीं हैं। अवधेश ने मध्यप्रदेश और शिवपुरी के सभी साहित्यकारों का हार्दिक आभार प्रकट किया है।
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