महारासलीला, श्रीकृष्ण रूकमणी विवाह और सुदामा चरित के साथ श्रीमद् भागवत कथा को दिया विश्रामशिवपुरी-संसार में हमेशा जन्म लेने वाला प्राणी यह ध्यान रखें कि जब भी कोई परमार्थ का कार्य हो तो ध्यान रखें कि उसमें सहभागी जरूर बनें, क्योंकि परमार्थ के कार्य में जुडऩे से जीवन भी पुण्य फलदायी बन जाता है इसलिए जब भी दूसरों का कोई पुण्य कार्य हो तो उसमें योगदान जरूर दें, यह सीख अन्य लोगों को भी मिल सकेगी। जीवन में पुण्य फलदायी का यह मार्ग बताया प्रसिद्ध श्रीमद् भागवत कथा वाचक अरविन्द जी महाराज ने जो स्थानीय शगुन वाटिका में गोयल परिवार के द्वारा आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा को विश्राम देते हुए आर्शीवचन प्रदान कर रहे थे।
इस दौरान कथा के वृतान्तों में अरविन्द जी महाराज के मुखारबिन्द से श्रीमद् भागवत कथा के विभिन्न प्रसंगों महारास लीला, मथुरा गमन, कंशवध, गोपी उद्वव, संवाद श्रीकृष्ण रूकमणि विवाह, द्वारिका लीला, सुदामा चरित्र एवं भागवत कथा का सार बताते हुए कथा को विश्राम दिया गया। इसके पूर्व नगर में श्रीकृष्ण रूकमणि विवाह की भव्य शोभायात्रा नगर में निकाली गई। कथा प्रारंभ से पूर्व कथा के मुख्य यजमान शिशिर गोयल निखिल गोयल अखिल गोयल और समस्त गोयल परिवार की ओर से इस भागवत कथा का पूजन किया गया तत्पश्चात व्यासपीठ से श्रीमद् भागवत कथा के आर्शीवचन प्रदान करने वाले संत शिरोमणि अरविन्द जी महाराज का पूजन किया गया। कथा समापन पश्चात आज 30 दिसम्बर को हवन-पुर्णाहुति के साथ प्रसाद वितरण किया जाएगा।
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