स्कूल के बच्चो में अनीमिया की जांच करने पर ज्यादतर बच्चे हरी सब्जियां न खाने के कारण अनीमिया से ग्रसित इनको स्कूलों में लगातार आईएफए गोली के सेवन की जरूरत एवं परामर्श की आवश्यकताः-डा. नीरज सुमन मेडीकल ऑफीसर आरबीएसके शिवपुरी
शिवपुरी। आदिवासी बाहुल्य बासखेडी में स्कूल एवम आगनवाड़ी के एक सैकड़ा बच्चो के स्वास्थ की जांच करने के लिए आज शक्तिशाली महिला संगठन ,आरबीएसके स्वास्थ विभाग एवम ब्रिटानिया न्यूट्रीशन फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से स्वास्थ्य जांच से एनीमिया जागरूकता प्रोग्राम अयोजित किया जिसमे स्कूल एवम आगनवाड़ी के एक सैकड़ा बच्चो की जांच की जिसमे आंखे आना, एनीमिया, फोड़े फुंसी, सर्दी जुकाम के साथ बुखार से ग्रसित बच्चो की जांच मेडिकल आफिसर राष्ट्रिय बाल सुरक्षा कार्यक्रम डॉक्टर नीरज सुमन ने की। उन्होंने जागरूकता प्रोग्राम में बताया कि खून में हीमोग्लोबिन की कमी होना ही एनीमिया है। यह किसी को भी हो सकता है। इसमें थकान होना, बार-बार गला सूखना, आंखों में पीलापन, बालों का झड़ना आदि लक्षण होते हैं। किसी को इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं, तो उपचार कराना चाहिए।
उन्होंने बताया कि खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा पुरुषों में 12 से 16 और महिलाओं में 11 से 14 होनी चाहिए। गर्भवती महिलाओं को एनीमिया बीमारी होने का खतरा अधिक रहता है तो उन्हें गर्भावस्था के दौरान समय-समय पर जांच अवश्य करानी चाहिए। पेट के कीड़ों और परजीवियों के कारण अधिक यह बीमारी होती है। बच्चों को समय-समय पर अभियान के तहत एलबेंडाजोल की गोली भी खिलाई जाती है। उन्होंने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर एनीमिया के उपचार की सुविधा उपलब्ध है ।
शिविर में शक्तिशाली महिला संगठन के रवि गोेयल ने कहा कि आदिवासी वाहुल्य क्षेत्र में एनीमिया बच्चो में ज्यादा देखने में आता है जो अगर समय रहते सही से इलाज नही कराया तो एनीमिया के गम्भीर खतरे हो सकते है इसके लिए संस्था प्रयास कर रही है के स्वास्थ विभाग एवम स्कूल विभाग के साथ मिलकर बच्चो की नियमित जांच हो जैसे की आज एक सैकड़ा बच्चो की जांच की गई जिसमे बच्चो में एनीमिया पाया गया इसके लिए संस्था पोषण वाटिका लगवाने के साथ साथ हर स्कूल में बच्चो को पिंक वाली गोली हर मंगलवार को उपलब्ध हो इसके लिए प्रयास रत है इसमें दोनो विभाग सहयोग कर रहे है ।
स्वास्थ शिविर में इलाज करने का सबसे वड़ा लाभ यह है कि निसूल्क जांच हो जाती है एवं आवश्यक दवाईया मिल जाती है ।
कार्यक्रम में सिस्टर श्रद्धा ने कहा कि गर्भवती माताओ को अनिवार्य रुप से आयरन कैल्शियम की गोली दिया जाना चाहिए एवं प्रसव होने के बाद धात्री माताओं को 6 महिने तक आयरन कैल्शियम की गोलियों प्रदान करना चाहिए लेकिन देखने में आता है कि धात्री माताओं को आयरन व कैल्शियम की गोली आशा कार्यकर्ता के द्वारा उपलव्ध नही होने के कारण समय पर प्रदान नही की जाती है जिस कारण माताए खून की कमी से ग्रसित हो रही है जो कि चिंता जनक है प्रोग्राम में स्कूल के तीनों शिक्षक, आगनवाड़ी कार्यकर्ता सपना धाकड़, डॉक्टर नीरज सुमन, शक्ति शाली महिला संगठन की टीम के साथ एक सैकड़ा बच्चो को एनीमिया पर जागरूक किया।
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