जैन समाज में आक्रोश, उचित कार्यवाही को लेकर समाजजनों ने सौंपा ज्ञापनशिवपुरी-सकल दिगम्बर जैन समाज नरवर द्वारा शास्वत श्री सम्मेद शिखर जी बचाओ आंदोलन के समर्थन में मौन रैली निकाल कर माननीया श्रीमती द्रोपदी मुर्मु जी भारत की राष्ट्रपति एवं माननीय श्री नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री, भारत सरकार के नाम से तहसीलदार को ज्ञापन दिया गया। यहां जानकारी देते हुए सुरेन्द्र जैन बंटी ने बताया कि 20 जैन तीर्थंकरों और अनंत संतों की मोक्षस्थल श्री सम्मेद शिखर जी पारसनाथ पर्वतराज गिरिडिह (झारखंड) की स्वतंत्र पहचान, पवित्रता और संरक्षण हेतु सम्मेद शिखर जी बचाओ आन्दोलन के समर्थन में रैली निकालकर सकल जैन समाज नरवर द्वारा ज्ञापन दिया गया।
इस ज्ञापन में बताया गया कि पारसनाथ पर्वतराज को वन्य जीव अभ्यारण्य, पर्यावरण पर्यटन के लिए घोषित इको सेंसिटिव जोन के अंतर्गत जोनल मास्टर प्लान व पर्यटन मास्टर प्लान, पर्यटन/धार्मिक पर्यटन सूची से बाहर किया जाएँ, पारसनाथ पर्वतराज को बिना जैन समाज की सहमति के इको सेंसिटिव जोन के अंतर्गत वन्य जीव अभ्यारण्य का एक भाग और तीर्थ माना जाता है, लिखकर तीर्थराज की स्वतंत्र पहचान व पवित्रता नष्ट करने वाली झारखण्ड सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना क्र. 2795 (ई) दिनांक 02अगस्त 2019 को अविलंब रद्द किया जाए, पारसनाथ पर्वतराज और मधुबन को माँस-मदिरा बिक्री मुक्त पवित्र जैन तीर्थस्थल घोषित किया जाए, पर्वतराज की वन्दना मार्ग को अतिक्रमण,
वाहन संचालन व अभक्ष्य सामग्री बिक्री मुक्त कर यात्री पंजीकरण,सामान जांच हेतु सीआरपीएफ व स्कैनर,सीसीटीव्ही कैमरे सहित दो चेक पोस्ट चिकित्सा सुविधा सहित बनाये जाए, पर्वतराज से पेड़ो का अवैध कटान, पत्थरों का अवैध खनन और महुआ के लिए आग लगाना प्रतिबंधित हो, हमारा सरकार से आग्रह है कि 20 जैन तीर्थंकरों और अनंत संतो की मोक्ष स्थली होने के कारण श्री सम्मेद शिखर जी का कण-कण प्रतिएक जैन के लिए पूजनीय वंदनीय है। इन मांगों को लेकर जैन समाज द्वारा तुरंत कार्यवाही करने के आदेश जारी कर अल्पसंख्यक जैन समाज के साथ न्याय करने की मांग की है।
No comments:
Post a Comment