वेद मंत्रों के साथ हुआ गायत्री मंत्र का उच्चारणशिवपुरी-शहर के फिजीकल रोड़ स्थित गायत्री मंदिर परिसर में महायज्ञ के दूसरे दिन 24 कुंडीय महायज्ञ में 200 लोगों ने आहुति दी गई जिसमें लगभग 21 हजार आहुति गायत्री महामंत्र के साथ साथ वैदिक मंत्री के साथ दी गई। गायत्री परिवार द्वारा आयोजित इस महायज्ञ स्थल को अति सुंदर व्यवस्थित सजाय गया हैं। जब वेद मंत्रों के साथ यज्ञ वेदी पर बैठे भक्तजन एक स्वर में गायत्री महामंत्र का एक स्वर में उच्चारण करते हुए जब अग्नि में आहुति देते है तो पूरा क्षेत्र एक अलौकिक झटा से आनंदित हो जाती हैं।
गायत्री को माता और यज्ञ को पिता कहा गया है
इस महायज्ञ को संपन्न कराने के लिए शांतिकुंज हरिद्वार से टोली नायक श्री संदीप पाण्डेय जी अपनी सहगियो सहित शिवपुरी पधारे है। श्री पाण्डेय जी के द्वारा यज्ञ क्यो आवश्यक है इससे आध्यात्मिक विकास के साथ साथ वैज्ञानिक महत्व भी बताया। श्री पाण्डेय ने कहा कि परम पूज्य गुरुदेव पंडित आचार्य श्रीराम शर्मा कहते थे कि जितने भी जप, पाठ किए जाते हैं,उनमें किसी न किसी रूप में हवन अवश्य करना पड़ता है। गायत्री उपासना में भी हवन आवश्यक है। गायत्री को माता और यज्ञ को पिता कहा गया है। इन्हीं के सहयोग से मनुष्य का आध्यात्मिक जन्म होता है। आज गायत्री परिवार शिवपुरी के द्वारा इस महायत्र के कार्यक्रम में 80 लोगों का गुरु दीक्षा दी गई वही 3 गर्भवती महिलाओं का पुंसवन संस्कार और 1 विद्यारंभ संस्कार कराया गया। इस कार्यक्रम में वेटलिफ्टिंग चैम्पियन मुस्कान खान का सम्मान किया गया हैं
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