बाल विवाह को मिटाने के लिए जागरूकता के किया उत्कृष्ट प्रयास
शिवपुरी-सामाजिक बुराइयां तभी मिट सकती है,जब उन्हें मिटाने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जाए, इसी मंशा से शहर के पीजी कॉलेज में पडऩे वाली नीलम शर्मा एवं निहारिका पराशर पिछले 2 वर्षों से बाल विवाह के खिलाफ समाज को जागरूक करने के लिए कार्य कर रहीं है। वे लोगों को बाल विवाह के दुष्प्रभावों से परिचित कराकर अपने बच्चों के तय आयु से पहले विवाह नहीं करने के लिये प्रेरित कर रहीं है। नीलम शर्मा और निहारिका पराशर ने यूनिसेफ की आगाज इंटर्नशिप 2022 से जुड़कर बाल विवाह की खिलाफ सामाजिक माहौल निर्माण करने में जो योगदान दिया है,उसके लिए इन दोनों छात्राओं को भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में सम्मानित किया गया।
निहारिका का कहना है कि बाल विवाह रोकथाम के लिए कड़ा कानून होने के बावजूद भी लोग कम उम्र में लड़के- लड़कियों के बाल विवाह के आयोजन कर देते है,यह समाज के विकास की एक बड़ी बाधा है। इंटर्न नीलम शर्मा का कहना है कि हम समुदाय के बीच जाकर लोगों को बाल विवाह के दुष्परिणामों से परिचित कराते है, तो उनके दृष्टिकोण में बदलाव होता है। मूल रूप से हमारा फोकस उन बालिकाओं को जागरूक करना रहता है, जिनका बाल विवाह होने की संभावनाएं होतीं है। हम उन लड़कियों को बाल विवाह की खिलाफत करने के लिए प्रोत्साहित करते है।
जागरूकता से ही हल निकलेगा
बाल विवाह कई समुदायों में परंपरा बन गया है। आज भी 23 प्रतिशत ल?कियों के विवाह 18 साल से पहले हो जाते है। इस बुराई को जागरूकता से ही मिटाया जा सकता है। दोनों छात्राएं बाल विवाह जैसे अपराध को मिटाने के लिए जो काम कर रहीं है, वह अन्य लोगों को भी प्रेरणा देगा।
राघवेन्द्र शर्मा, बाल संरक्षण अधिकारी, जिला शिवपुरी
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