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Monday, December 19, 2022

सागर / बलात्कार करने वाले आरोपी को 10 वर्ष सश्रम कारावास एवं जुर्माना से दंडित


सागर
। बलात्कार करने वाले आरोपी हरिकेश अहिरवार पिता किशोरी अहिरवार थाना-बहेरिया को विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये धारा-376(1) भादवि, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 की धारा 3 सहपठित धारा 4 में दोषसिद्व पाते हुए 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000/- रूपये जुर्माने की सजा से दंडित किया है एवं एक अन्य आरोपी को दोषमुक्त किया। उक्त मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक(अभियोजन) श्री धमेन्द्र सिंह तारन  के मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजक श्री मनोज कुमार पटैल ने की ।

घटना का विवरण संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 20.11.19 को अभियोक्त्री ’ए’ आयु 15 वर्ष व अभियोक्त्री ’बी’ आयु 13 वर्ष के पिता के द्वारा थाना-सानौधा में रिपोर्ट दर्ज कराई कि अभियोक्त्री  ’ए’ व ’बी के दिनंाक 12.11.2019 के रात करीब 8 बजे से अभियोक्त्री ’ए’ व ’बी घर पर नहीं मिलने से तलाश किये जाने पर कोई पता नहीं चलने पर गांव के बस हेल्पर द्वारा यह बताये जाने कि सुबह 09ः30 बजे अभियोक्त्री । ’ए’ व ’बी को बस से घर से मकरोनिया चौराहा छोड़ा था, । ’ए’ व ’बी को कोई अज्ञात व्यक्ति बहला फुसलाकर भगा कर ले गया है,  उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया। 

विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-सानौधा जिला-सागर द्वारा भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 363, 366 , 376(2)(द), लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 की धारा 5(स) सहपठित धारा 6, 16/17 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । 

जहॉ विचारण उपरांत न्यायालय विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये धारा-376(1) भादवि, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 की धारा 3 सहपठित धारा 4 में दोषसिद्व पाते हुए 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000/- रूपये जुर्माने की सजा से दंडित किया है एवं एक अन्य आरोपी को दोषमुक्त किया।

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