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Wednesday, December 7, 2022

सागर / नाबालिग से छेड़छाड़ करने वाले आरोपी को 03 वर्ष का सश्रम कारावास



सागर
। नाबालिग के साथ छेड़छाड़ करने वाले आरोपी केशव पाठक पिता ब्रजबिहारी पाठक थाना-रहली को तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये धारा- 457 भादवि के तहत 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड, धारा-354 भा.द.वि. के तहत 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड एवं धारा- 7/8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के तहत 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड एवं धारा- 3(1)(डब्ल्यू)(आई) एस.सी./एस.टी.एक्ट 1989 के तहत 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड एव ंधारा-,3(2)(व्ही-ए) एस.सी./एस.टी एक्ट 1989 के तहत 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है मामले की पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की ।


        घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि फरियादिया ने रिपोर्ट लेख कराई कि दिनॉक 08.05.2020 को वह रात में घर पर उसकी मॉ एवं उसके भाई के साथ अंदर कमरे में दरवाजा बंद करके सो रही थी । मेरे पिता घर पर नहीं थे , रात करीब 1ः30 बजे अचानक किसी व्यक्ति ने बुरी नियत एवं छेड़छाड़ करने की नियत से उसके चेहरे पर हाथ लगाया एवं उसका बाया हाथ पकड़कर अपनी ओर खीचा। मै चिल्लाई तो बगल में सो रही मेरी मॉ एवं भाई जाग गये जिन्हें देखकर वह व्यक्ति वहॉ से घर की सीड़ियों की तरफ भागा, जिसे बल्व की रोशनी में देखा कि वह व्यक्ति उसके घर के पास में रहने वाला अभियुक्त केशव पाठक है जो अच्छी तरह से जानता है कि वह अनुसूचित जाति की है। अभियुक्त केशव पाठक घर की सीड़ियों से कूदकर वहॉ से वह भाग गया फिर मैने अपने पिता को फोन करके घटना बताई। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया

विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये , घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-रहली द्वारा धारा- 458, 354, भा.द.वि.  एवं 7/8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 एवं धारा- 3(1)(डब्ल्यू)(आई) ,3(2)(व्ही) ,एस.सी./एस.टी एक्ट 1989 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, एवं अंतिम तर्क के दौरान न्यायदृष्टांत प्रस्तुत किये गये और अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । 

जहॉ विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की न्यायालय ने  आरोपी को दोषी करार देते हुये धारा- 457 भादवि के तहत 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड, धारा-354 भा.द.वि. के तहत 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड एवं 7/8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के तहत 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड एवं धारा- 3(1)(डब्ल्यू)(आई) एस.सी./एस.टी.एक्ट 1989 के तहत 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड एव ंधारा-,3(2)(व्ही-ए) एस.सी./एस.टी एक्ट 1989 के तहत 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा  से दंडित किया है। 


मथुरा व्यापारी के नौकर की हत्या करने वाले दोनों आरोपीगण को आजीवन कारावास की सजा 
सागर । मथुरा व्यापारी के नौकर विजयपाल की हत्या करने वाले आरोपीगण टिंकू उर्फ श्याम नामदेव एवं सोनू उर्फ सन्ना उर्फ शैतान अहिरवाऱ को न्यायालय द्वितीय अपर-सत्र न्यायाधीश जिला-सागर शिवबालक साहू की न्यायालय ने दोषी करार देते हुये दोनों आरोपीगण को भा.दं.सं. की धारा-302 के तहत आजीवन कारावास तथा 5000/- रूपये का अर्थदंड एवं धारा 324 के तहत 03 वर्ष के सश्रम कारावास तथा 2000/- रूपयेे अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया । मामले की पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी, श्री सौरभ डिम्हा ने की ।
       जिला अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा ने बताया कि फरियादी गौरव अग्रवाल ने रिपोर्ट लेख कराई कि सोने चॉदी का व्यापार करता हूॅ मथुरा में रहता हॅेू किराये से बिहारीजी मंदिर के पीछे सागर में किराये से कमरा लिये हूूॅ। दिनॉक 22.09.2016 के 23ः15 बजे फरियादी रात में मार्केट से घर आया तो उसका कर्मचारी विजय पाल घर पर था फरियादी ने दरवाजा खटखटाया तो विजय पाल ने दरवाजा खोला । फरियादी अंदर जाने लगा तो इतने में दो अज्ञात व्यक्ति पीछे से आये तो फरियादी ने पूछा कि कौन है तो उन्होंने पिसी लाल मिर्च फरियादी एवं उसके कर्मचारी विजयपाल की आखों में मारी, फरियादी तथा कर्मचारी विजयपाल ने उन्हें पकड़ा तो वो फरियादी तथा विजयपाल को चाकू से मारने लगे । फरियादी को सिर ,दाहिने हाथ की अंगुली , कल्हाई एवं दाहिने पैर में चोट आई तथा विजयपाल को भी चाकू से मारा जो सीने में लगा, फरियादी जोर-जोर से चिल्लाया बचाओ-बचाओं तो दोनों वहॉ से भाग गये । फरियादी ने मुॅह धोया तो देखा विजयपाल खून मे ंलथपथ जमीन पर पड़ा था उसके पास ही चाकू पड़ा था खूना काफी बह गया था। विजयपाल को अस्पताल में भर्ती किया गया जहॉ डॉक्टर द्वारा उसे मृत घोषित कर दिया गया। 

थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान सी.सी.टी.व्ही फुटेज ,सीडीआर, टावर लोकेशन के आधार पर आरोपियों की तलाश की गई,साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-मोतीनगर जिला-सागर द्वारा भादवि की  धारा 452, 324, 302,34 का अपराध आरोपीगण के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत न्यायालय द्वितीय अपर-सत्र न्यायाधीश जिला-सागर शिवबालक साहू की न्यायालय ने दोषी करार देते हुये दोनों आरोपीगण को भा.दं.सं. की धारा-302 के तहत आजीवन कारावास तथा 5000/- रूपये का अर्थदंड एवं धारा 324 के तहत 03वर्ष के सश्रम कारावास तथा 2000/- रूपयेे अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है।

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