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Tuesday, November 1, 2022

रोल ऑफ लेंग्वेज इन प्रमोटिंग अब्यूज़ अगेन्स्ट चाइल्ड एण्ड वूमन पर नमन शर्मा ने दिया लैक्चर


सही शब्दावली या भाषा का प्रयोग करने को लेकर दिया प्रेंजेटेशन

शिवपुरी-महाराष्ट्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी नागपुर के छात्र एवं बाल शिक्षा निकेतन उ.मा. विद्यालय के पूर्व छात्र नमन शर्मा ने 11वीं एवं 12वीं के बच्चों का लिया सेशन 7 सेशन का विषय था, रोल ऑफ लेंग्वेज इन प्रमोटिंग अब्यूज़ अगेन्स्ट चाइल्ड एण्ड वूमन, जिसमें नमन ने बताया कि यौन शोषण के मामलों को रोकने या उन्हें बढ़ावा देने में भाषा महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सही शब्दावली या भाषा का प्रयोग न करने से आम जनता का नजरिया बदल सकता है। हम बात करते हैं कि कितनी महिलाओं का बलात्कार हुआ, न कि कितने पुरुषों ने महिलाओं के साथ बलात्कार किया।

समाज का ध्यान दोषी की जगह पीडि़त पर केंद्रित करने के लिए विक्टिम ब्लेमिंग भाषा का प्रयोग किया जाता है जिसका अर्थ है पीडि़त को दोष देना जिसके खिलाफ यौन शोषण हूआ हो, न कि उस व्यक्ति को जिसने यौन शोषण किया हो। पीडि़त-दोषपूर्ण शब्दावली या भाषा का निरंतर उपयोग समाज के दृष्टिकोण को भी बदल सकता है जिसके कारण पीडि़तों पर इसका हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है। दोषारोपण की भाषा का प्रयोग पीडि़तों को उत्प्रेरक के रूप में चित्रित करता है। जब हम लड़के ने एक लड़की का बलात्कार किया, के बजाय एक लड़की का बलात्कार किया गया, जैसे वाक्य का उपयोग करते हैं, तो हम अपराधी के बजाय पीडि़तसे सवाल करना शुरू कर देते हैं।

नमन ने मीडिया के बारे में बात करते हुए भी कहा कि यौन शोषण के मामलों के प्रति जनता की धारणा बनाने में मीडिया एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लोकप्रिय मीडिया चैनलों द्वारा सूचना का प्रस्तुतीकरण और प्रसारण अक्सर हर विशिष्ट उदाहरण में पीडि़तों और अपराधियों के बारे में राय को आकार देता है। केस रिपोर्टिंग के शब्दों में मामूली बदलाव भी विचारों पर प्रभाव डाल सकते हैं, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि यौन हमले की घटनाओं का वर्णन करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली शब्दावली का सावधानीपूर्वक अध्ययन किया जाए। 

भाषा का उपयोग यह प्रभावित कर सकता है कि किसी मामले को कैसे प्रस्तुत किया जाता है और पाठकों द्वारा इसे कैसे पढ़ा जाता है। नमन ने कहा कि हमारे शब्दों का चुनाव ऐसा होना चाहिए जो अपराध की हकीकत को बयां कर सके। प्राथमिक ध्यान अपराधी पर होना चाहिए, पीडि़त पर नहीं। बच्चे और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमें  एसी भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए जो कि बच्चे या महिला को दुर्व्यवहार और अपराध के लिए जवाबदेह बनाए। सेशन के अंत में नमन ने छात्रों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब दिए।

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