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Tuesday, November 29, 2022

मीजल्स रूबेला निर्मूलन हेतु संकल्प लिया-बचेंगी हजारों जिंदगियां


जिला टास्क फोर्स की बैठक सम्पन्न

शिवपुरी-मीजल्स.रूबेला निर्मूलन की जिला स्तरीय टास्क फोर्स बैठक सम्पन्न हुयी। बैठक में  डॉ पवन जैन सीएमएचओ, डी के सुंदरियाल, जिला परियोजना अधिकारी महिला बाल विकास विभाग, डॉ संजय ऋषीश्वर डीआईओ, डॉ एन एस चौहान डीएचओ, डॉ अल्का त्रिवेदी डीएचओ, डॉ राहुल भदकारिया डीएचओ, पवन दुबे राज्य सलाहकार शिशु स्वास्थ्य भोपाल, डॉ यादवेन्द्र भदौरिया समन्वयक यूनिसेफ डॉ शीतल व्यास डीपीएम द्वारा सभी को उनकी जिम्मेदारियों के संबध में अवगत कराया। डॉ पवन जैन द्वारा बताया गया कि बच्चों की दो आम बीमारियां खसरा और रूबेला से एम आर वैक्सीन के द्वारा बचा सकते हैं। खसरा में शिशु को बुखार, त्वचा पे चकत्ते, खांसी,  नाक का बहना और आँखों में पानी के लक्षण देखने को मिलते हैं। ज्यादा गंभीर स्थिति में शिशु को कान का संक्रमण, दस्त, निमोनिया, मस्तिष्क को क्षति और अंतिम चरण में मृत्यु भी हो सकती है।

डॉ संजय ऋषीश्वर द्वारा बताया गया कि मीजल्स.रूबेला निर्मूलन हेतु दिसम्बर 2023 तक 9 माह से 5 वर्ष आयु के शत.प्रतिशत बालक.बालिकाओं को एमआर के टीके लगवाने का अभियान पूरी जिम्मेदारी से संचालित किया जावेगा। स्वास्थ्य विभाग महिला.बाल विकास विभाग शिक्षा विभाग पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, अनुसूचित जाति.जनजाति कल्याण विभाग, आयुष विभाग, यूनिसेफ, यूएनडीपी सलाहकार, परियोजनाओं के अधिकारियों , विभिन्न एनजीओ को मीजल्स.रूबेला टीकाकरण अभियान में दी गई जिम्मेदारी से अवगत कराया गया। बैठक में मीजल्स और रूबेला के निर्मूलन हेतु सभी संकल्प दिलाया गया। मीजल्स और रूबेला दोनों ही बीमारियां छोटे बच्चों में मृत्यु और विकलांगता का कारण बनती हैं। इससे हर साल हजारों बच्चे अपने जीवन में कई परेशानियों का सामना करने को मजबूर होते हैं। इससे निपटने के लिए 2023 तक भारत से पूरी तरह समाप्त करने का लक्ष्य रखा है।  

विभागीय समीक्षा बैठक में लापरवाह बरतने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों पर होगी कार्यवाही
विभागीय समीक्षा बैठक में डॉ पवन जैन सीएमएचओ द्वारा विकासखंड स्तर पर लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्यवाही के निर्देश दिये।  आयुष्मान कार्ड में सबसे कम उपलब्धि प्राप्त करने वाले , अनुपस्थित कर्मचारियों , टीकाकरण में लापरवाही बरतने वाले कार्यकर्ताओं के नाम कार्यवाही हेतु प्रस्तावित करने के निर्देश खंडचिकित्सा अधिकारियों को दिये। अनुपस्थित चिकित्सकों को 7 दिवस का वेतन काटने के निर्देश दिये। जिन कर्मचारियों का आउटपुट संतोषजनक नहीं होगा उनकी निगरानी की जावेगी और सुधार न होने पर कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी।

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