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Monday, November 14, 2022

पाक्सो बालकों को सुगम्य तरीके से न्याय सुनिश्चित करता है:डॉ प्रियंका


सुंदरकांड का नयनाभिराम मंचन किया बच्चों ने

सीसीएफ की 124 वी ई कार्यशाला संपन्न

शिवपुरी- चाइल्ड कंजर्वेशन फाउंडेशन की 124 वी ई कार्यशाला में आज पोक्सो एक्ट की ट्रायल प्रक्रिया एवं अभियोजन पक्ष से जुड़े प्रावधानों पर चर्चा की गई।इस पूरी प्रक्रिया में व्यवहारिक परेशानियों औऱ उनके निदान के तकनीकी पहलूओं पर भी देश भर के बाल अधिकार कार्यकर्ताओं ने अपनी जिज्ञासाओं का समाधान हांसिल किया।कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ के रूप में भोपाल से पाक्सो मामलों की जानकार अभियोजन अधिकारी डॉ प्रियंका उपाध्याय ने मार्गदर्शन प्रदान किया।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए डॉ उपाध्याय ने बताया कि पाक्सो एक विशिष्ट कानून है जिसका मूल उद्देश्य हमारे देश के नाबालिगों को उनके साथ हुए लैंगिक उत्पीड़न के विरुद्ध एक सुगम्य औऱ भयमुक्त प्रक्रिया से न्याय सुनिश्चित करना है।इस बुनियादी लक्ष्य को केंद्रित करते हुए एक्ट में कुछ विशिष्ट प्रकृति के प्रावधान किए गए है जो आईपीसी,सीआरपीसी से इतर हैं।यह कानून बालकों को निजता एवं गोपनीयता के सिद्धांत को क्रियान्वित करता है इसलिए किसी भी सार्वजनिक मंच या मीडिया में पीड़ित बालकों की पहचान उजागर करने को कानूनन निषिद्ध किया गया है।

उन्होंने बताया कि एक्ट में समझौते के बाबजूद आरोपियों को जमानत के लिए बाध्यकारी नही माना गया है।डॉ प्रियंका ने बताया कि कानून में 9 अध्याय एवं 46 धाराओं को इस तरह आकार दिया गया है कि ऐसे अपराध करने वालों के मन मस्तिष्क में दंड का भय स्थापित हो साथ ही पीड़ित को सरलीकरण के साथ न्याय एवं प्रतिकर उपलब्ध हो सके।

ई कार्यशाला के दूसरे चरण में भोपाल की सामाजिक कार्यकर्ता मनीषा चतुर्वेदी एवं रक्षा दुबे के नेतृत्व में स्कूली बच्चों ने बाल दिवस की पूर्व संध्या पर लघु नाटिका के माध्यम से सुन्दरकाण्ड के प्रसंग का अभिनय प्रस्तुत किया।बच्चों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि मानस अभिनय से उन्होंने मित्रता,परिवारभाव और एकता के सूत्र सीखने का प्रयास किया।

कार्यक्रम संयोजक मनीषा चतुर्वेदी ने कहा कि भाषाई एवं संस्कृति के सवालों को मौजूदा पीढ़ी के साथ बाल सुलभ तरीको से ही आगे बढ़ाया जा सकता है।राक्षस की भूमिका निभाने वाली बालिका  वत्सला चौबे ने बताया कि उसने यह सोचकर इस अभिनय को चुना क्योंकि एक राक्षस अगर हनुमानजी का रास्ता रोकने की क्षमता रखता है तो हमें उसकी क्षमताओं को ईमानदारी से मान्यता देनी चाहिए।

कार्यशाला का संचालन आईटी प्रमुख अनिल गौर ने किया और अंत मे आभार प्रदर्शन सीसीएफ कोर कमेटी सदस्य श्रीमती राधा मिश्रा ने सतना से व्यक्त किया।

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