सागर । गला काटकर हत्या करने वाले आरोपी मोनू उर्फ मोनेस रैकवार को अपर सत्र न्यायाधीश बंडा जिला- सागर श्री आर.पी.मिश्र की अदालत ने दोषी करार देते हुये धारा- 449 भादवि में 05 वर्ष का सश्रम करावास 2000 रू. जुर्माना एवं धारा- 302 भादवि में आजीवन कारावास एवं 5000/- रू. जुर्माने की सजा से दंडित किया है मामले की पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी, श्री ताहिर खान ने की।
घटना संक्षिप्त में इस प्रकार है कि मृतिका की मॉ ने रिपोर्ट लेख कराई कि दिनांक 21.02.2019 को सुबह 08ः00 बजे के लगभग चंदाबाई बर्तन मांझने के लिये अपने घर से चली गयी थी और उसकी पुत्री शारदा रैकवार घर पर अकेली थी। जब चंदाबाई 10ः30-11ः00 बजे के लगभग घर लौटकर आई तो अभियुक्त मोनू रैकवार उसके घर से बाहर निकल कर भागते हुये दिखा। उसने घर के अंदर जाकर देखा तो उसकी बेटी शारदा मरी हुई डली थी और उसके गले से खून बह रहा था। वह चिल्लाई तो आसपास के लोग आ गये थे। अभियुक्त मोनू, बंडा आता-जाता रहता था। दो दिन पहले भी अभियुक्त मोनू रैकवार, मेरे घर आया था और बोला था कि उसकी शादी शारदा से करा दो। मैनेे मना किया तो अभियुक्त मोनू ने कहा था कि उसकी शादी नहीं कराई तो वह शारदा को जान से मार देगा।
अभियुक्त मोनू रैकवार ने ही शारदा की गला काटकर हत्या कर दी है। थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये , घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-बंडा द्वारा धारा- 449,302 भादवि का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। प्रकरण की विवेचना टी.आई. सतीश सिंह द्वारा की गई है।
विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत अपर सत्र न्यायाधीश बंडा जिला-सागर श्री आर.पी.मिश्र की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुय भादवि की धारा- 449 भादवि में 05 वर्ष का सश्रम करावास 2000 रू. जुर्माना एवं धारा- 302 भादवि में आजीवन कारावास एवं 5000/-रू. जुर्माने की सजा से दंडित किया है
मारपीट करने वाले 25 आरोपियो को 02-02 वर्ष का सश्रम कारावास
सागर । धारदार हथियार से मारपीट करने वाले आरोपीगण दौलत, मरुलीधर, संतोष, सीताराम, पप्पू, संदीप, अरविंद, हल्के, अन्नू उर्फ अनिल, गरीबे, दयाशंकर, परषोत्तम, वीरा, हल्लू, बड़े, महेश, विजय, परशु, विक्की उर्फ विकास,प्रकाश, सन्नू, पंचम उर्फ पंचू, मनोज,सुदामा,बालकिशन को श्री सतीश शर्मा न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी रहली जिला- सागर की अदालत ने आरोपीगण को दोषी करार देते हुये प्रत्येक आरोपीगण को 148 भा.द.वि में 01-01 वर्ष के कारावास और 500-500रू. जुर्माना 324/149 भा.द.वि में प्रत्येक आरोपीगण को 01-01 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000-1000 रू का अर्थदण्ड एवं धारा- 325/149 भा.द.वि में प्रत्येक आरोपीगण को 02-02 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 600-600 रू का अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है मामले की पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी, श्री लोकेश कुमार दुबे ने की ।
घटना संक्षिप्त में इस प्रकार है कि दिनांक-05.07.2007 को फरियादी सोहन ने रिपोर्ट लेख कराई कि जमीन विवाद पर से आरोपीगण से बुराई रंजिस चल रही थी उक्त दिनॉक को मेरे भाई तथा पिता एसटीडी में बैठे थे मै बाहर खड़ा था तभी गॉव के दौलत, मरुली, संतोष, हल्के,बड़े, हल्लू , अरविंद, संदीप, दयाशंकर, अन्नू, सन्नू, बालकिशन, पंचू , महेश , सुखलाल, पप्पू, झब्बू, सीताराम,वीरा, मनोज, कुंदन और भी अन्य आरोपीगण हथियार लेकर आये और बोलेे कि लक्ष्मी को बाहर निकालो , आरोपी दौलत एसटीडी के अंदर घुस गया और लक्ष्मी को पकड़कर बाहर खीचने लगा तो मेरे पिताजी ने बीच-बचाव किया तो आरोपीगण ने उनके साथ मारपीट की जिससे मेरे पिता के सिर से खून बहने लगा एवं मुझे सिर में, दाहिने हाथ की कल्हाई और भुजा में चोटें आई। थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया
विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये , घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-रहली द्वारा धारा- 147,148,149,323,324,325, 506 भादवि का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया ।
जहॉ विचारण उपरांत न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ,रहली जिला-सागर की न्यायालय ने प्रत्येक आरोपीगण को 148 भा.द.वि में 01-01 वर्ष के कारावास और 500-500रू. जुर्माना 324/149 भा.द.वि में प्रत्येक आरोपीगण को 01-01 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000-1000 रू का अर्थदण्ड एवं धारा- 325/149 भा.द.वि में प्रत्येक आरोपीगण को 02-02 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 600-600 रू का अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है । तीना आरोपीगण विचारण के दौरान फौत हो चुके है।
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