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Saturday, October 8, 2022

साधु और श्रावक को संयम का मार्ग दिखाया आचार्य शांतिसागर जी महाराज ने : मुनिश्री सुप्रभगसार जी महाराज





आचार्यश्री के पदचिह्नों पर चलकर करें अपना आत्म कल्याण : मुनिश्री दर्शितसागर जी महाराज

प्रथमाचार्य श्री 108 शांतिसागर जी महाराज स्मृति में आयोजित होगा वृहद नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर

शिवपुरी-मनुष्य के लिए जीवन में यदि कुछ करना है तो इसके लिए आवश्यक है कि सच्चा श्रावक बनना और साधु-श्रावक बनकर संयम का मार्ग अपना जाए तब निश्चित ही जीवन का कल्याण हो जाएगा, आचार्यश्रीशांतिसागर जी महाराज ने हमेशा साधु-श्रावकों को स्वाध्याय का संदेश दिया, जो सुन रहे है उसे ग्रहण करे और आचार्य श्री के पदचिन्हों पर चले, धैर्य को धारण करने वाले आचार्य श्री थे जिन्होनें श्रावक के कल्याण के लिए अपना संदेश दिया, जैन धर्म की रक्षा करना, धर्म के प्रति श्रद्ध और संस्कारों की नींंव को बनाए रखना, इन मूलभूत उद्देश्यों की पूर्ति के लिए आचार्यश्री के सिद्धांतों पर चलना होगा, तभी प्रत्येक जैन-अजैन उनके व्यक्तित्व से परिचय हों सकेंगें।  

आचार्य श्रीशांतिसागर जी महाराज के जीवन दर्शन पर उक्त आर्शीवचन प्रदान किए मुनिश्री सुप्रभगसागर जी महाराज ने जो स्थानीय श्रीदिगम्बर जैन छत्री मंदिर परिसर में आयोजित आचार्य श्रीशांतिसागर जी महाराज के व्यक्त्तित्व परिचर्चा कार्यक्रम के दौरान चार्तुमास में शामिल मुनिश्री दर्शितसागर जी महाराज के साथ समस्त जैन समाज को धर्मलाभ से लाभान्वित करा रहे थे। 

इस दौरान अपने आर्शीवचनों में मुनिश्री दर्शितसागर जी महाराज ने कहा कि आचार्यश्री के जीवन के बारे में जो भी श्रावक श्रवण कर रहे है वह इन्हें अपने जीवन में जरूर उतारें, आचार्यश्री ने कभी किसी में भेद नहीं किया, उन्होंने साधु-श्रावक दोनों को समान माना है,इसलिए प्रत्येक व्यक्ति आचार्यश्री के जीवन से प्रेरणा लेकर उनके पदचिह्नों पर चलकर अपना आत्म कल्याण करें। कार्यक्रम का संचालन संजीव बांझल के द्वारा किया गया। शास्त्रदान-पाठशाला की बहिन, बेटियो सहित अन्य महिला संस्थाओं पारस महिला मंडल, हैप्पी ग्रुप व अन्य के द्वारा भेंट किया गया। मंदिर कमेटी प्रमुख राजकुमार जैन जड़ीबूटी वाले, रामदयाल जैन, प्रेमचंद जैन, टीटू जैन आदि सहित बड़ी संख्या में जैन धर्मावलंबी मौजूद रहे।

वक्ताओं ने रखे अपने विचार
प.पू. आचार्य श्री शांतिसागर जी महाराज के जीवन पर आधारित व्यक्तित्व परिचर्चा पर अनेकों वक्ताओं ने अपने विचारों से विन्यांजलि दी। जिसमें आचार्यश्री जी द्वारा किए गए त्याग, व्रत, उपवास आदि पर वक्ता श्रीमती अनामिका-अनिल जैन के द्वारा आचार्यश्री द्वारा धर्मायतन, ग्रंथसंरक्षण एवं सामाजिक कुरीति उन्मूलन हेतु किए कार्यों पर वक्ता बा.ब्र.सीमा दीदी शिवपुरी, आ.श्रीजी का अंतिम उपदेश व विशिष्ट कथन का वक्ता श्रीमती पद्मा-देवेन्द्र जैन (पत्तेवाले), आचार्य श्रीजी की सल्लेखना साधना पर वक्ता शैलेन्द्र पुरूषोत्तम जैन शिवपुरी के द्वारा एवं आचार्य श्रीजी के बारे में शिष्यों व विशिष्ट लोगों के विचार एवं संस्मरणों पर वक्ता मयंक कुमार, अजय कुमार जैन शिवपुरी के द्वारा विचार प्रकट किए।

मुनिश्री शांतिसागर जी महाराज स्मृति में वृहद नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर आज
प.पू.आचार्य श्री 108 शांतिसागर जी महाराज स्मृति में आज 9 अक्टूबर को आमजन की सेवार्थ श्रीदिगम्बर जैन छत्री मंदिर के द्वारा वृहद नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन स्थानीय जैसवाल जैन भवन, शंकर कॉलोनी परिसर में  प्रात: 10:30 बजे से किया जा रहा है। शिविर के संयोजक प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ.एच.पी.जैन होंगें।

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