भाजपा शिक्षक प्रकोष्ठ का सम्मान समारोह कार्यक्रम आयोजित
शिवपुरी। वर्तमान शिक्षा से हमने असंख्य भौतिक उपलब्धियां प्राप्त की हैं, लेकिन वर्तमान संदर्भ में शिक्षा मूल्यों, परंपरा व आदर्शो की उपेक्षा कर एकांगी व संवेदनहीन होती जा रही है। आज की शिक्षा व डिग्रियां रोजगार परख हो गई है उनमें से मानवता हट गई है मानवता डिग्री में ढूंढना पढेगी आपको। यदि डिग्री रोजगार परख हो गई है तो माता-पिता को छोड़कर बच्चा अमेरिका चला गया और लौटकर जब आता है तब अंत्येष्ठी हो जाती है। यदि डिग्री रोजगार परख करोगे और उसमें मानवीय मूल्य नहीं रहेगा तो वह अपने सभी रिश्तों को भूल जाएगा उसका सिर्फ रोजगार ध्यान रहेगा। आवश्यकता इस बात की है कि शिक्षा के साथ-साथ मानवीय मूल्य भी हो और मानवीय मूल्यों की धरोहर बनाए रखने के लिए स्कूलों में साप्ताहिक एक लेक्चर होना चाहिए। हमारा देश बहुत अग्रणी देश है और हम शीघ्र ही परम वैभव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, मुख्यमंत्री शिवराजसिंह के नेतृत्व में पहुंच रहे हैं। यह बात भाजपा जिलाध्यक्ष राजू बाथम ने निजी होटल में आयोजित भाजपा शिक्षक प्राकेष्ठ द्धारा आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह कार्यकम को संबोधित करते हुए कही।
कार्यक्रम का संचालन अमित भार्गव व कार्यकम की रूपरेखा के बारे में शिक्षक प्रकोष्ठ के जिला संयोजक उमेश श्रीवास्तव ने जानकारी दी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिक्षक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक डॉ. नीतेश शर्मा ने कहा पहले डिग्री अंग्रेजी परिधान पहनकर मिलती थी लेकिन जब मैं विद्यार्थी परिषद में था तो इसका विरोध किया और कहा कि मैं अपनी पीएचडी की डिग्री अंग्रेजी परिधान में नहीं लूंगा। अंग्रेज चले गए हैं परिधान छोड़ गए हैं हम क्यूं उनकी उस मानसिकता को स्वीकार करें ऐसे कई असंख्य कार्यकर्ताओं ने विरोध किया तो पूरे देश के अंदर आज जो डिग्री मिलती है वो धोती, कुर्ता, गमछा उसमें डिग्री मिलती है तो हमें अपनी संस्कृति पर गर्व होता है। आज पूरे देश के अंदर यह प्रयास भारतीय जनता पार्टी के कारण ही संभव हो पाए हैं।
नरेंद्र बिरथरे ने कहा कि आज जो शिक्षक सम्मान समारोह आयोजित किया जा रहा है वह सूर्य के आगे दिया दिखाने के समान है। शिक्षक तो उस महान श्रेणी में आते हैं जो इस देश के राष्ट्रपति रह चुके हैं। इस देश का राष्ट्रपति शिक्षकों का सम्मान करता है और उस समय गर्व से सीना फूल जाता है जब इस जिले का शिक्षक राष्ट्रपति से सम्मान प्राप्त करता है। बिरथरे ने कहा कि शिक्षक जीवन भर दो जोड़ी कपड़ों और उसी पुराने किराए के मकान में जीवन यापन कर देता है, लेकिन उनके पढाए हुए बच्चे कलेक्टर, एसपी, एसडीएम, पुलिसमैन जाने क्या-क्या बन जाते हैं लेकिन शिक्षक वहीं के वहीं रहता है। लेकिन शिक्षक को इस बात का गर्व रहता है कि मैंने जिसको पढ़ाया वो आज उंची कुर्सी पर बैठा है यही उनकी पूंजी रहती है यही उनका सम्मान रहता है। हम आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का जयंती सप्ताह मना रहे हैं। विभिन्न कार्यक्रम हो रहे हैं, शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों का सम्मान किया जा रहा है। यह सम्मान इस बात का प्रतीकात्मक है कि सरकार आपके चरणों में है, सरकार आपके पैरों को छूना चाहती है, सरकार गुरूओं का सम्मान करने के माध्यम से उनका सम्मान बढ़ाना चाहती है!
राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त प्रहलाद भारती ने कहा कि माता-पिता से पहले अगर सबसे पहले कोई स्थान है तो वह गुरू का है। आज तक जितने भी महान व्यक्ति हुए वह सिर्फ गुरू के कारण ही बने। इस अवसर पर प्रोफेसर चंद्रपालसिंह सिकरवार को याद करते हुए कहा कि सिकरवार जी ने अनेक बच्चों का मार्गदर्शन किया और बच्चों को आगे बढ़ाया। उन्होंने शिक्षा का माहौल बनाया और यहां के बच्चे पीएससी, यूपीएससी सहित विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़े और उस परंपरा को हमारे गुरूजी मधुसूदन चौबे जी बखूबी निभा रहे हैं। साथ ही एमएस द्धिवेदी जी भी उसी परंपरा को निभा रहे हैं।
प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुरेंद्र शर्मा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गुरू का अर्थ ही श्रेष्ठ है। गुरू ने अनेक लोगों को गढ़ने का काम किया ऐसे महान गुरूओं के चरणों को मैं प्रणाम करता हूं। आपके मन में एक सवाल आ रहा होगा कि भारतीय जनता पार्टी तो एक राजनीतिक पार्टी है। लेकिन हम आपको बता दें कि भाजपा वह राजनीतिक दल है जिसके लिए देश पहले है दल बाद में है। देश के लिए सर्वश्रेष्ठ लोग तैयार हो यह काम भाजपा करती है और आज जिनका हम जन्मदिन मना रहे हैं उनको तैयार करने बाला कोई आप जैसा ही शिक्षक होगा जो इस देश को नरेंद्र मोदी मिला। इसलिए कहते है कि शिक्षक कभी सामान्य नहीं होता शिक्षक इतिहास का निर्माता होता है। कार्यक्रम में नगर मंडल अध्यक्ष केपी परमार, युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष नवनीत सेन, जिला मीडिया प्रभारी विकास दंडौतिया, महेश लोधी सहित गुरूजन मौजूद रहे।
महामंत्री सोनू बिरथरे ने कहा कि शिक्षक एक सड़क के समान है, जो एक ही स्थान पर रहती है पर विद्यार्थी उस पर चलकर अपनी मंजिल को पा लेते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि आज का शिक्षक कल का भविष्य निर्माता है। शिक्षक की गोद मे ंनिर्माण और प्रलय दोनों खेलते हैं। शिक्षक साधारण नहीं होता है असाधारण होता है।
शिक्षकों का हुआ सम्मान
भाजपा शिक्षा प्रकोष्ठ द्धारा आयोजित शिक्षक सम्मान कार्यकम में वर्तमान, पूर्व में रहे शिक्षकों का सम्मान किया गया। जिसमें एमएस चौबे, एमएस द्धिवेदी, विवेक श्रीवास्तव, अशोक कुमार गुप्ता, राजीव श्रीवास्तव, एपी गुप्ता, श्याम सुंदर खंडेलवाल, अनिल निगम, महेंद्र वर्मा, आनंद प्रतापंिसंह, ललिता राजपूत, रज्जाक खान, राजकुमारी शर्मा, रामशरणसिंह भदौरिया, कैलाश नारायण, निर्मल गर्ग, विष्णु सोनी, जगदीश कुशवाह, मनोज कुमार निगम, एनके जैन, महेंद्रसिंह तोमर, प्रदीप अवस्थी, राजेंद्र चहार, मरान खान, अर्चना शर्मा, लता ढींगरा, प्रदीपसिंह कुशवाह, विनोद कुमार मुदगल, अतरसिंह राजोरिया, रिजवाना खान, अंगदसिंह तोमर, अनीता राठौर, अरविंद सड़ैया, मनोज गुप्ता, आकाश शर्मा, अक्षत बंसल, विकुल जैन, कुबेर धाकड़, विनोद धाकड़, आलोक चौधरी, कपिल शर्मा, बृजमोहनसिंह, डॉ. रमन बिहारीलाल, कुबेरसिंह, विनोद कुमार, रामरन माहौर को पौधा व सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया।
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