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Saturday, September 24, 2022

आकंठ भ्रष्टाचार में लिप्त तंत्र नही झेल पा रहा शिवपुरी सीएमओ को? रवानगी तय!


शिवपुरी:
जिस प्रकार सिक्के के दो पहलू होते है,उसी प्रकार हर व्यक्ति के भी दो रूप होते है,अन्य को जो रूप हित में लगता है बस वह संबंधित का वही रूप देखना चाहता है।सीधे लोक सेवा आयोग की परीक्षा उत्तीर्ण करके प्रथम श्रेणी अधिकारी के रूप में पहली बार मुख्य नपा अधिकारी शिवपुरी में आये शैलेश अवस्थी का इसी विषय को ध्यान में रखते हुए निष्पक्ष विश्लेषण करने की कोशिश की।लगातार कई दिनों तक बारीकी से जानकारी एकत्रित करने के पश्चात उनकी कार्यपद्धत्ति के दोनो पहलुओ को प्रस्तुत करने का प्रयास किया है।इसके पीछे कोई छुपा हुआ एजेंडा या किसी की खुशामद करना या कोई लाभ प्राप्त करना नही बल्कि  जनता के बीच मे पूर्ण ईमानदारी के साथ वास्तविकता पहुचाना और अनछुए पहलुओ को प्रस्तुत करना है ताकि जनता एक केवल एक पक्षीय होकर कोई राय नही बनाये बल्कि उसे हर जानकारी हो यही प्रयास है,यानी पत्रकारिता के धर्म को ईमानदारी के साथ निभाना है।

शिवपुरी नपा सी एम ओ के रूप में एक वर्ष पूर्व जब शैलेश अवस्थी आये थे तब पूरे देश की तरह शिवपुरी में भी कोरोना की भयावहता व्याप्त थी,बाढ़ का संकट,कर्जे में गले गले तक डूबी नगर पालिका,बिजली संकट को झेलनी वाली नगर पालिका शिवपुरी इतिहास के सबसे बुरे दौर से गुजर रही थी।जनता में आक्रोश भारी था,क्योंकि जलावर्धन और सीवर प्रोजेक्ट से खुदी हुई सड़के और जगह जगह फटते पाइप नगर पालिका के पूर्ववर्ती आकाओं की अक्षमता को स्वतः ही प्रकट करते थे 

ऐसे बुरे दौर में नगर पालिका के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के रूप में पदभार शैलेश अवस्थी ने ग्रहण किया।एक लाख रुपये तक के काम की फ़ाइल नपा में बनती थी,उसमें बंदरबांट होती थी,यानी भ्रष्टाचार का बड़ा माध्यम था,अवस्थी ने इसे बंद करने का साहस दिखाया,नोट शीट की प्रथा बन्द कर ऑनलाइन टेंडर एक लाख रुपये तक के लगने शुरू हुए,आवश्यकतानुसार ही नोट शीट ईमानदारी से बननी शुरू हुई।

अमृत योजना अंतर्गत जल प्रदाय योजना की गुणवत्ता पर ध्यान देने डिस्ट्रीब्यूशन लाइन को ईमानदारी से दुरुस्त करने की कोशिश,टेंडर लगाकर खरीदी प्रक्रिया में पारदर्शिता,बिजली सामग्री हो या अन्य सामग्री में मनमर्जी के आलम को रोककर टेंडर के ही माध्यम से आवश्यकता नुसार वस्तुओं की उपलब्धता पर ध्यान सी एम ओ ने दिया।

जिस डिस्ट्रीब्यूशन लाइन की बात कर रहे है,वह पूर्व में केवल फुट दो फुट जगह जगह अनियमितता के साथ खोदी गयी उसे तीन फुट गहराई तक डालने की व्यवस्था न सिर्फ बनाई बल्कि समय समय पर उसका निरीक्षण करने की भी आदत डाली।

स्वच्छता सर्वे में शिवपुरी की स्थिति सुधरी तो जिस नपा के मेले में प्रतिवर्ष 15 से 20 लाख रुपये खर्च होते थे उसे सीधे सीधे 20 लाख रुपये फायदे में लाकर शिवपुरी मेले को 38 लाख की बचत तक पहुचाया।इसी तरह मणि खेड़ा का बिजली बिल जो 9 करोड़ तक पहुच गया था उसे मात्र 90 लाख करने का श्रेय शिवपुरी के एक वर्ष पहले आये सी एम ओ शैलेश अवस्थी को ही जाता है,बिजली चाहे जब नपा की बिजली विभाग वाले काट के किरकिरी कर जाते थे,उस पर दृढ़ता के साथ कार्य करने की बात हो नपा के राजस्व में वृद्धि का विषय हो डीजल चोरी रोकने प्रोपर्टी टेक्स भरने की जागरूकता पैदा करके नपा की माली हालत में सुधार का आमूलचूल परिवर्तन लाना हो या अन्य माध्यमो से नपा की हालत को सुधारने का क्रन्तिकारी परिवर्तन हो ये सब शैलेश अवस्थी के एक वर्षीय प्रशासनिक कार्यकाल में ही हुआ है।

सीधे सीधे एक वर्ष में अकेले डीजल में ही एक करोड़ रुपये की बचत सी एम ओ ने करके दिखाया है।जो खर्चा डीजल का 20 से 25 लाख रुपये माह था उसे 15 लाख करके सी एम ओ ने बड़ी बचत की है।शिवपुरी की विधायक कैबिनेट मंत्री श्रीमन्त यशोधरा राजे सिंधिया जी के स्वप्नों को अमली जामा पहनाने विकास कार्यो में गति लाने की ईमानदारी से कोशिश की।एक वर्ष के कार्यकाल में शिवपुरी जिलाधीश श्री अक्षय कुमार सिंह जी एवं एडी एम श्री उमेश शुक्ला जी के साथ जिस तालमेल के साथ दोनो अधिकारियों के निर्देशन में कार्य कर सी एम ओ शैलेश अवस्थी ने कंगाल नपा को काफी हद तक बेहतर स्थिति में लाया।

तीनो अधिकारियों के तालमेल ने निर्माण कार्यो में गुणवत्ता,रुके हुए कार्यो में गतिशीलता लायी।लेकिन नपा के स्वयम्भू मठाधीशों को यही नही पचा,दुकानदारी बन्द होती देख दलालों ने इसी के मद्देनजर दुष्प्रचार करना प्रारम्भ कर दिया,नपा में वर्षों से जो लूट मची हुई थी,वह रुकी तो दलालों के पेट मे दर्द उठा और योजनाबद्ध रूप से षड्यंत्र रचने शुरू हुए।दुर्भाग्य से ये विषय आम जन तक पंहुचा ही नही,क्योंकि उनमें भी भारी कमियां है,और वही कमियां उनकी राह में आज सबसे बड़ा रोड़ा भी है।अब बात उनके दूसरे पक्ष की करते है,क्योंकि कोई भी समाचार एक पक्षीय नही हो सकता,अगर वह एकपक्षीय है तो वह केवल खुशामद है।जो करना अपनी कार्यपद्धत्ति नही।

नपा सी एम ओ शैलेश अवस्थी चूंकि सीधे सी एम ओ बनकर आये अभी तक नपा में पदोन्नत सी एम ओ ही आये थे,जो उस अंहकार के बीज ने और अनुभव की कमी ने जनता से सीधे संवाद से उनको सीधे रोके रखा है,फोन नही उठाना जनता से सीधे संवाद नही करना उनकी बड़ी कमी है।हालांकि इसके निहितार्थ में जब जाते है तो पाते है कि शिवपुरी की अधिकांश जनता को तो अगर कुत्ता भी घर के पास मरा है तो सीधे सी एम ओ को फोन करने की आदत डली थी,पार्षद से या अन्य कर्मचारी से बोलना रुतबे में कमी लगने की मानसिकता ने सीधे सी एम ओ से बात करने की जो परम्परा डाली थी,वह अवरुद्ध हो गयी।

शिवपुरी सी एम ओ नपा के राजनीतिक कोकस को तोड़ने में असफल रहे,बैठक वसूली जो राजनीतिक संरक्षण में चलती आयी है,जिसमे नपा का बड़ा अमला भी शुरू से ही शामिल रहते हुए बंटाधार करता आया है,उस दिशा में रत्ती भर भी कदम शिवपुरी सी एम ओ नही उठा पाए,यानी इस गठजोड के आगे असहाय बने रहे।कर्मचारियों की भारी कमी होने के बाद भी नए कर्मचारियों की भर्ती नही कर पाना,गति से काम कर पाने असक्षम रहे।बाते भले ही कितनी बड़ी करी हो पंरन्तु नपा की इस कमजोर कड़ी की तरफ अभी तक कोई ध्यान उनका नही गया।कम लोगो से ही ज्यादा काम लेने की उनकी कोशिश उनके उपहास का भी कारण कई बार बनी है,या यूं कहें जनता से उनकी पारस्परिकता की सबसे बड़ी बाधा है।

अधिकारी कर्मचारियों की मनमर्जी और लंबे समय से अपनी आजीविका का माध्यम मान चुके अधिकांश जनप्रतिनिधियों की मंशा को रोकने का हौंसला तो सी एम ओ दिखा पाए पर नगर को विकास के लिए जिस गति की आवश्यकता थी उसे प्राप्त करने में वह असफल रहे।

ये सच है नेक नीयत और धरातलीय कार्य पद्धति से वह नपा को घाटे से उबारने में कंगाल नपा को थोड़ा फायदे में पहुचाने में एक साल में सफल हुए है,पंरन्तु अभी भी शिवपुरी वह हासिल नही कर पाई जो उसे पाना चाहिए था।

और शायद इसी वजह से व्यक्तिगत हितों की पूर्ति में लगे भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे मठाधीशों  के निशाने पर आज वह है वही उन्हें नही पचा पा रहे है।जनता से उनके संवाद की कमी को मुद्दा बना कर उन्हें घेरने की कोशिश में लगे है।पंरन्तु इससे नुकसान शिवपुरी को स्वर्णिम व विकसित बनाने की कैबिनेट मंत्री श्रीमन्त राजें जी की सोच को हुआ है।लेकिन अब तो इस पूरे घटना चक्र के बाद सी एम ओ ने अन्यत्र जाने का मन बना लिया है,यानी कि जाना तय हो गया है। 

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