शिवपुरी-इन दिनों हो रही भारी वारिश के कारण अमोला पुल से गुजरने वाले मड़ीखेडा डैम का पानी ओवर फ्लो होकर पुराने अमोला क्रेशर, फोरलेन आमोलपठा तिराहे की रोड पर पहुंच गया है यहां तिराहे के आसपास बने होटलो,टपरियो तक में भरा पानी भर गया और यहां से लगातार वाहनों की आवाजाही भी बनी हुई है। बताना होगा कि अमोला से होकर गुजरे फोरलेन हाइवे भारत को पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दछिण को जोडऩे वाला मुख्य हाइवे के रूप में जाना जाता है, जिसको बनाने के दौरान कंपनी और विभाग ने मड़ीखेडा डैम के अधिकतम भराव लेवल और रोड के लेवल पर सही ध्यान नही दिया, जरा सी चूक से करोड़ो रूपये से बनी अमोला फोर लाइन पुल एवं तिराहे तक कि रोड का लेवल गड़बड़ हो गया, इसके चलते पानी रोड पर आ जाता है और साथ ही नियम के अनुसार किसी भी पुल के प्लर नदी या डैम के पानी भरने से तो डूब सकने की संभावना भी बनी रहती है मगर यहां तो इतने बड़े हाइवे के इतने ऊंचाई के पुल के प्लर तो ठीक, डैम का वैक वाटर, पुल के कैन्टिलीवर तक डुवा देता है, जो खतरनाक है, मात्र कुछ सैन्टिमीटर ही पुल के स्लैब की दूरी बचती है जो रिकार्ड तोड बारिश में पुल के लिये खतरनाक सावित होगी।
शिवपुरी-इन दिनों हो रही भारी वारिश के कारण अमोला पुल से गुजरने वाले मड़ीखेडा डैम का पानी ओवर फ्लो होकर पुराने अमोला क्रेशर, फोरलेन आमोलपठा तिराहे की रोड पर पहुंच गया है यहां तिराहे के आसपास बने होटलो,टपरियो तक में भरा पानी भर गया और यहां से लगातार वाहनों की आवाजाही भी बनी हुई है। बताना होगा कि अमोला से होकर गुजरे फोरलेन हाइवे भारत को पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दछिण को जोडऩे वाला मुख्य हाइवे के रूप में जाना जाता है, जिसको बनाने के दौरान कंपनी और विभाग ने मड़ीखेडा डैम के अधिकतम भराव लेवल और रोड के लेवल पर सही ध्यान नही दिया, जरा सी चूक से करोड़ो रूपये से बनी अमोला फोर लाइन पुल एवं तिराहे तक कि रोड का लेवल गड़बड़ हो गया, इसके चलते पानी रोड पर आ जाता है और साथ ही नियम के अनुसार किसी भी पुल के प्लर नदी या डैम के पानी भरने से तो डूब सकने की संभावना भी बनी रहती है मगर यहां तो इतने बड़े हाइवे के इतने ऊंचाई के पुल के प्लर तो ठीक, डैम का वैक वाटर, पुल के कैन्टिलीवर तक डुवा देता है, जो खतरनाक है, मात्र कुछ सैन्टिमीटर ही पुल के स्लैब की दूरी बचती है जो रिकार्ड तोड बारिश में पुल के लिये खतरनाक सावित होगी।
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