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Shishukunj

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Friday, September 2, 2022

जब संसार में प्रकृति का अपमान होता है तब होता है प्रलय : आचार्य ब्रह्मदेव





नाई की बगिया में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा मे आचार्य ब्रह्मदेव ने श्रवण कराई सती चरित्र कथा

शिवपुरी-संसार का प्रलय कब होता है तथा हमारे घर बार का प्रलय कब होता है, संसार में जब मनुष्य प्रकृति का अपमान करता है प्राकृतिक संसाधनों का अत्यंत दुरुपयोग करता है तब संसार का प्रलय होता है साथ जब हमारे घरों में स्त्री का जब अपमान होता है माताओं बहनों बेटियों बहुओं के साथ जब गलत व्यवहार होता है तो हमारे घर-बार का विनाश होता है यानी प्रलय होता है। धर्म के इस प्रभाव को बताया पूज्य व्यासपीठ से आर्चा ब्रह्मदेव ने जो स्थानीय नाई की बगिया स्थित श्रीसती नारायणी मंदिर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा का वाचन करते हुए देवी सती की प्रेरक कथाओं का वृतान्त श्रद्धालुओं को श्रवण करा रहे थे। 

यहां आचार्य ब्रह्मदेव जी के द्वारा आचरण की शुद्धता एवं कथाओं के द्वारा महिलाओं के सम्मान पर विशेष जोर दिया गया। साथ ही दिव्य भजनों के साथ श्री शुकदेव की दिव्य झांकी के दर्शन कराए गए। नाई की बगिया में चल रही भागवत कथा के तीसरे दिन कथा वाचक आचार्य श्री ब्रह्मादेव जी ने सती चरित्र रोचक प्रसंग सुनाए। नाई की बगिया कॉलोनी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में गोकुल मथुरा से पधारे काष्र्णी आचार्य ब्रह्मदेव जी के श्रीमुख से भक्ति दिव्य कथामृत पान कराया जा रहा है। समस्त धर्मप्रेमीजनों से कथा स्थल पर पहुंचकर धर्मलाभ लेने का आग्रह किया गया है।

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