Responsive Ads Here

Shishukunj

Shishukunj

Wednesday, September 14, 2022

कैसे बने एक समान्य व्यक्ति से जैनाचार्य, आज रात्रि नाटक का मंचन


समाज के  स्त्री पुरुष और बच्चे लेंगे भाग

शिवपुरी। जैनाचार्य विजय धर्मसूरी जी महाराज साहब का शताब्दी वर्ष बड़े धूमधाम से विजय धर्मसूरी समाधि मंदिर पर मनाया जा रहा है। 11 दिवसीय चलने वाले इन कार्यक्रमों में प्रत्येक दिन सुबह और शाम अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें अलग-अलग क्षेत्रों में कार्यरत लोगों की सम्मान के  साथ-साथ शाम को रंगारंग भक्ति एवं सांस्कृतिक आयोजन किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज विजय धर्मसूरी जी महाराज साहब की जीवन पर आधारित नाट्य मंचन का आयोजन किया जा रहा है जिसमें समाज के स्त्री पुरुष और बच्चे भाग ले रहे हैं, समाधि मंदिर पर विराजे जैन संत आचार्य कुलचंद्रसूरिश्वर जी महाराज साहब द्वारा अपने गुरु विजय धर्मपुरी जी महाराज साहब के देवलोक गमन का शताब्दी वर्ष होने पर शताब्दी समारोह बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। 

9 सितंबर से मनाए जा रहे शताब्दी महोत्सव में विजय धर्मपुरी जी महाराज सा.की जीवन पर आधारित बबन नाट्य मंचन संपन्न हुआ, ढाई घंटे चलने वाले इस नाट्य मंचन को समाज के  स्त्री पुरुषों द्वारा ही संचालित किया गया। जैन श्वेतांबर समाज के अध्यक्ष दशरथमल सांखला, सचिव विजय पारख एवं चातुर्मास संयोजक  तेजमल सांखला द्वारा सभी से अनुरोध किया है कि  जिनका इतना बड़ा महोत्सव समारोह हम कर रहे हैं उनके बारे में जानने के लिए इस नाट्य मंचन को अवश्य देखें।

रंगोली से सजे दरबार में पहली बार 3 डी रंगोली से बनी फोटो
जैन समाज ही नहीं समस्त समाजों में रंगोली का विशेष महत्व जब भी शुभ कार्य होता है तो घर के बाहर रंगोली सजाई जाती है, प्रत्येक त्यौहार पर रंगोली का सुंदर माडना घर के दरवाजे पर माडा जाता है शताब्दी महोत्सव की इस कार्यक्रम में एक  पेंट रंगोली के लिए भी बनाया गया है जिसमें विजय धर्मपुरी जी महाराज साहब प्रेम सूरी जी महाराज साहब एवं कुलचंद विजय जी महाराज सा आकर्षक  3 डी रंगोली बनाई गई है, इसके  अलावा रंगोली निर्माण में कलाकार द्वारा धर्मपुरी जी महाराज साहब की बचपन से लेकर अंत काल तक  के सभी चरित्रों का वर्णन चित्रों के  माध्यम से किया है, सुंदर रंगोली को देखने के लिए जो भी आता है वह कलाकार की तारीफ किए बगैर नहीं रहता, राजेंद्र राजस्थान से पधारी कलाकार तीनो भाई और उन्होंने रंगोली की यज्ञ अपने नाना जी से सीखिए।

No comments:

Post a Comment