शिवपुरी/करैरा-नव रात्रि के पावन शुभारंभ अवसर पर सपोर्ट वेपन्स ट्रैनिंग स्कूल, आईटीबीपी के सौजन्य से पवित्र कल्पवृक्ष के पोधे को श्रीबगीचा सरकार मंदिर के प्रांगण में परम श्रद्धेय श्रीस्वामी रुद्र चेतन पूरी महाराज, महंत राजेंद्र गिरी महाराज एवम एपीएस निंबाडिया, उपमहानिरीक्षक, सपोर्ट वेपन ट्रैनिंग स्कूल के कर कमलों द्वारा करैेरा वासियों की सुख समृद्धि एवम मानव कल्याण हेतु रोपित किया गया।इस पावन शुभअवसर पर श्री निंबाडिय़ा द्वारा कल्पवृक्ष की महत्ता पर प्रकाश डाला गया, उन्होंने बताया कि समुंद्र मंथन के दौरान समुंद्र से निकले 14 रत्नों में से यह एक रत्न है, जिसको देवराज इंद्र द्वारा हिमालय में स्थापित किया गया। भारत वर्ष में सबसे प्राचीन कल्पवृक्ष उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में रोपित है जिसकी कार्बन डेटिंग से निकली आयु लगभग 5000 वर्ष है। वैज्ञानिक दृष्टि कोण से भी कल्पवृक्ष की सिधत्ता को स्वीकार किया जा चुका है, यह वृक्ष अध्यातिमक पवित्रता के साथ साथ औषधिय गुणों से भी भरपूर है, इसके अंदर संतरे से 6 गुणा ज्यादा विटामिन सी, गाय के दूध से 2 गुणा ज्यादा कैल्शियम विज्ञमान है, साथ ही साथ 08 अमीनो एसिड में से 06 अमीनो एसिड इस वृक्ष में पाए जाते है। साथ ही साथ पानी की भरपूर मात्रा भी इसमें पाई जाती हैं।
संभवत इन्ही सब विशेष गुणों के कारण ही इसे कल्पवृक्ष कहा गया, यह केवल वृक्ष ही नही अपने आप में एक संपूर्ण जीवन है। संस्थान श्री बगीचा सरकार के समस्त गणों का आभार व्यक्त करता है जिनके कारण इस वृक्ष को ऐसी पवित्र जगह रोपित करने का अवसर मिला, जिससे सभी जनों को इस कल्पवृक्ष का लाभ मिल सके।
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