श्रीदिगम्बर जैन छत्री मंदिर पर मुनिसंघ के सानिध्य में प्रारंभ हुआ दशलक्ष्ण पर्युषण महापर्वशिवपुरी- अपने जीवन को यदि सार्थकता प्रदान करनी है तो पर्युषण महापर्व से विशेष कोई अन्य दिवस नहीं हो सकता, इसलिए अपने मन:भाव से 10 दिनों के दशलक्ष्ण पर्व में सपरिवार भाग लें और अपने व अपने परिवार, समाज और देश के कल्याण में अपना योगदान दें, निश्चित ही धर्म-कर्म और ज्ञान सहित मोक्ष कल्याण का मार्ग हमें दशलक्ष्ण पर्व ही बताते है इसलिए स्वयं के साथ-साथ अपने घर-परिवार और परिजनों को अवश्य लाऐं और पर्युषण महापूर्व समाजजन के साथ शामिल होकर पुण्य लाभ अर्जित करें। दशलक्ष्ण पर्व पर यह आर्शीवचन दिए प्रसिद्ध मुनिश्री सुप्रभसागर जी महाराज ने जो स्थानीय श्रीदिगम्बर जैन छत्री मंदिर पर आयोजित वर्षायोग चार्तुमास के दौरान मनाए जा रहे पर्युषण पर्व की महत्वता पर उपस्थित श्रद्धालुओं को ज्ञानोपार्जन करा रहे थे।
इस अवसर पर प्रसिद्ध मुनिश्री दर्षितसागर जी महाराज भी विशेष रूप से मौजूद रहे जिन्होंने भी अपने आर्शीवचनों में चार्तुमास और पर्युषण महापर्व को लेकर धर्मावलंबियों का मार्ग प्रशस्त किया। यहां संगीत की समधुर लहरों के बीच उपस्थित श्रद्धालुओं के द्वारा दशलक्ष्ण महापर्व की पूजा-अर्चना की गई और आयोजन में बड़ी संख्या में समाजजनों ने शामिल होकर पुण्य लाभ अर्जित किया। इसके साथ ही कार्यक्रम में यहां अन्य विशेष पूजा अर्चना भी मुनिश्री संघ के सानिध्य में संपन्न हुई। बता दें कि श्रीदिगम्बर जैन छत्री मंदिर पर आयोजित पर्युषण महापर्व को लेकर विशेष सजावट व धार्मिक आयोजनों को लेकर व्यापक व्यवस्थाऐं की गई है जिसे लेकर यहां प्रात: से ही रात्रि तक आर्शीवचन, पूजा-अर्चना सहित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया है जिसमें समाज के महिला-पुरूष सहित बच्चों के द्वारा भी बढ़-चढ़कर भाग लिया जा रहा है।
यह होंगें सांस्कृतिक कार्यक्रम
गुरूद्वारा स्थित श्रीदिगम्बर जैन छत्री मंदिर पर पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व को लेकर विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रूपरेखा भी बनाई गई है जिसमें बुधवार को प्रश्न मंच प्रतियोगिता हुई, गुरूवार को एक मिनिट, 2 सितम्बर शुक्रवार को नाटक की प्रस्तुति दी जाएगी, 3 सितम्बर शनिवार को फैंसी डे्रस प्रतियोगिता होगी, 4 सितम्बर रविवार को भजन प्रतियोगिता, 5 सितम्बर सोमवार को हाऊजी प्रतियोगिता, 6 सितम्बर मंगलवार को महिला मंडलों की नृत्य प्रतियोगिता, 7 सितम्बर बुधवार को नृत्य प्रतियोगिता, 8 सितम्बर गुरूवार को शास्त्र सजाओ एवं पूजन अर्ध सजाओ प्रतियोगिता एवं 9 सितम्बर शुक्रवार को सामूहिक आरती एवं पुरूस्कार वितरण कार्यक्रम होंगें।
No comments:
Post a Comment