सागर। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट श्रीमति ज्योति मिश्रा/नवम अपर सत्र न्यायाधीश सागर के न्यायालय ने नाबालिग लड़की के साथ छेड़छाड़ करने एवं लैंगिक हमला करने वाले अभियुक्त जित्तू उर्फ जितेन्द्र अहिरवार पिता परसादी अहिरवार आयु 25 साल निवासी थाना अंतर्गत मोतीनगर जिला सागर को दोषी पाते हुए 20 वर्ष के सश्रम कारावास कारावास की सजा से दंडित करने का आदेश दिया। राज्य शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक/अति. जिला अभियोजन अधिकारी धर्मेन्द्र सिंह तारन द्वारा की गई।मामला इस प्रकार है कि अभियोक्त्री अपने दादा दादी के यहां रहती है तथा अभियुक्त जित्तू उर्फ जितेन्द्र अहिरवार जो उसका रिश्तेदार है उसकी दादी के घर आता जाता है। घटना दिनांक से तीन चार दिन पहले से जित्तू घर पर रूका था। 17 जनवरी 2020 की रात करीब 1 बजे जब अभियोक्त्री अपने दादा दादी के पास सो रही थी तब अभियुक्त उसके साथ छेड़छाड़ करने लगा जिससे उसकी नींद खुल गई उसने अभियुक्त का हाथ हटाया तो अभियुक्त अभियोक्त्री के गुप्तांगों में छेड़छाड़ करने लगा तो अभियोक्त्री रोने लगी और चिल्लाई तो उसके दादा दादी उठ गये जिन्हें देखकर अभियुक्त जित्तू एक तरफ हट गया। डर के कारण अभियोक्त्री ने घटना किसी को नहीं बताई। दूसरे दिन पेपर देने के बाद उक्त घटना अपनी मां को फोन पर बताई तथा दिनांक 19 जनवरी 2020 को अपनी चाची के साथ थाना मोतीनगर जाकर रिपोर्ट लेख कराई जिस पर से थाना में अभियुक्त जित्तू उर्फ जितेन्द्र अहिरवार के विरूद्ध भादवि औरा पॉक्सो एक्ट की धाराओं में अपराध पंजीबद्ध किया जाकर अनुसंधान में लिया गया। अनुसंधान के दौरान घटना स्थल का मुआयना कर नक्शा मौका बनाया गया, साक्षियों के कथन लेख किये गये, अभियोक्त्री का मेडीकल परीक्षण कराया गया। अभियोक्त्री के मजिस्ट्रेट के समक्ष कथन लेख कराये गये। अभियुक्त जित्तू को गिरफ्तार किया गया।
समस्त आवश्यक अनुसंधान उपरांत चालान तैयार कर न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय में विचारण के दौरान अभियोजन ने महत्वपूर्ण साक्ष्य प्रस्तुत किये। न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत सबूतों और दलीलों से सहमत होते हुए मामले को संदेह से परे प्रमाणित पाये जाने पर न्यायालय ने वर्तमान परिवेश में बालको के साथ इस प्रकार के अपराधों में निरंतर वृद्धि को दृष्टिगत रखते हुए अभियुक्त जित्तू उर्फ जितेन्द्र अहिरवार को भादवि की धारा 354 के तहत 3 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000 रूपये अर्थदण्ड तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत 20 वर्ष का सश्रम कारावास व 3000 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित करने का दंडादेश पारित किया। साथ ही अभियोक्त्री को पहुंचे शारीरिक व मानसिक आघात हेतु माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशानुसार 2 लाख रूपये प्रतिकर दिये जाने का आदेश पारित किया।
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