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Sunday, August 7, 2022

किशोर कुमार एक महान गायक के साथ महान इंसान भी थे_ सूरज भसीन


पार्श्व गायक किशोर कुमार  की जयंती मनी

शिवपुरी- प्रेमधाम इंदिरा नगर शिवपुरी पर भारतीय साहित्य एवं संस्कृति संस्थान द्वारा महान  र्श्वगायक,अभिनेता, संगीतकार स्वर्गीय किशोर कुमार की जयंती श्रद्धापूर्वक मनाई गई । कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ समाजसेवी सूरज भसीन ने की । कार्यक्रम में संस्थान के अध्यक्ष अवधेश सक्सेना ने स्वर्गीय किशोर कुमार के जीवन पर विस्तार से बोलते हुए उनकी महानता का जिक्र करते हुए बताया कि किस तरह उन्होंने हाथी मेरे साथी फिल्म का गाना नफरत की दुनिया को छोड़कर प्यार की दुनिया में खुश रहना मेरे यार खुद न गाते हुए मोहम्मद रफी से गवाने के लिए संगीतकार को बाध्य किया ।  

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सूरज भसीन ने आयोजन की सार्थकता को रेखांकित करते हुए इसकी प्रशंसा की और किशोर कुमार के जीवन से जुड़े हुए कई प्रसंगों को सुनाया । इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल में आकाशवाणी से उनके गानों का प्रसारण रोकने वाली घटना का भी उन्होंने जिक्र किया । कुछ वर्ष पूर्व खंडवा में आयोजित किशोर कुमार जयंती के कार्यक्रम में जब सूरज भसीन साहब ने किशोर कुमार द्वारा गाए हुए गानों की पूरी जानकारी उनके पास होने और उनके द्वारा सुनाई गई रोचक बातों से आयोजकों को अत्यंत प्रभावित कर दिया था तब उन्हें खंडवा के उस आयोजन में सम्मानित किया गया था । कार्यक्रम में सहभागिता करने वाले प्रतिभागियों ने किशोरकुमार द्वारा गाए हुए गानों को गाया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की ।

त्रिलोचन जोशी जीवन से भरी तेरी आंखें, राज यादव कभी बेकसी ने मारा कभी बेबसी ने मारा, केशव भार्गव बड़ी सूनी सूनी है जिंदगी, बृजेश अग्निहोत्री मेरा जीवन कोरा कागज, अशोक सक्सेना, मेरे महबूब कयामत होगी, मुकेश आचार्य जिंदगी एक सफर है सुहाना, सी पी वर्मा ओ मेरे दिल के चैन एवं कहना है कहना है आज तुमसे यह पहली बार, श्याम बाबू कसेरा जिंदगी का सफर है ये कैसा सफर, देवेंद्र शर्मा शोखियों में घोला जाए फूलों का शबाब, गिरीश मिश्रा प्यार दीवाना होता है मस्ताना होता है, श्रीमती अर्चना सक्सेना छूकर मेरे मन को किया तूने क्या इशारा, सुकून शिवपुरी सदियों से दुनिया में एक ही तो लड़का है एक ही तो लड़की है, शरद गोस्वामी पल पल दिल के पास तुम रहती हो, श्रीमती संगीता श्रीवास्तव इस मोड़ से जाते हैं कुछ सुस्त कदम रखकर, उमेश श्रीवास्तव घुंघरू की तरह बजता ही रहा हूं मैं, 

प्रशांत शाक्य बांसुरी वादन,  अभिरुचि सक्सेना भोले ओ भोले, नवीन सिरोलिया वाद्य यंत्र पर जिसका मुझे था इंतजार वो घड़ी आ गई, पंकज श्रीवास्तव थोड़ी सी जो पी ली है चोरी तो नहीं की है, धर्मेंद्र साहू वो शाम कुछ अजीब थी, अंतरिक्ष शर्मा तुझ संग प्रीत लगाई सजना, डॉ. आरके दुबे पल पल दिल के पास तुम रहती हो, अवधेश सक्सेना दिल आज शायर है गम आज नगमा है, हरीश श्रीवास्तव कोरा कागज था ये मन मेरा, विजय भार्गव  ये शाम मस्तानी मदहोश किए जाए । कार्यक्रम में ऑनलाइन ऑडियो वीडियो के माध्यम से भी कई  संगीत प्रेमी शामिल हुए । हेमंत धाकड़ अमरकंटक,सुषमा वीरेंद्र खरे सिहोरा जबलपुर,सगीर अंसारी भिंड

रंजना मंगर दार्जलिंग,अतुलकांत खरे बिलासपुर,प्रीति वर्मा मुरादाबाद, मुकेश शर्मा बदरवास, नरेश सोनगरा जैन झारडा उज्जैन,अकबर अंसारी मालेगांव महाराष्ट्र,धीरज कोली नरवर,अरुणिमा बहादुर खरे प्रयागराज,उदय सिंह अवास्या बड़वानी,अनुपम जैन शिवपुरी, गोविंद भार्गव राजस्थान,आभार प्रदर्शन संस्थान के संचालक अशोक सक्सेना ने किया । कार्यक्रम का सफल संचालन  विजय भार्गव ने किया ।

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