भारत विकास परिषद शाखा द्वारा शाखा स्तरीय कार्यशाला आयोजित, 7 नए सदस्य भी जुड़े और दिलाई दायित्व शपथशिवपुरी-सेवा कार्यों को लेकर शिवपुरी की भारत विकास परिषद शाखा जहां अपने सेवा कार्यों में अग्रणीय है तो वहीं अब संस्था को यह विचार करना चाहिए कि हमें एक स्थाई सेवा प्रकल्प के रूप में भी विचार करना चाहिए, विभिन्न सेवा प्रकल्पों के साथ स्थाई सेवा प्रकल्प को भी संस्था अपनाऐं तब निश्चित ही संस्था के उद्देश्यों की पूर्ति को लेकर किए जाने वाले कार्य सेवा के नए आयाम स्थापित करेगी, हमें ध्यान रखना होगा कि जब भी जीवन में सेवा के पथ पर जाऐं तो यह कतई ना सोचें कि यह कार्य आपके(मैं)द्वारा किया गया है बल्कि यह सोचकर करें कि हम जिस संस्था के सदस्य है उन सभी के द्वारा मिलकर यह सेवा का कार्य किया गया है।
सेवा विषय पर वक्ता नेशनल सेवा विनोद गर्ग के द्वारा बड़े ही सारगर्भित शब्दों में स्थानीय होटल सोनचिरैया में आयोजित संस्था की शाखा स्तरीय कार्यशाला में अपने वक्तव्य के द्वारा यह प्रकाश डाला गया और उन्होंने सभी तरह के मानव सेवा कार्यों को सेवा का स्वरूप बताया और इस सेवा में सभी संस्था पदाधिकारी व सदस्य भी सहभागी बनें, यह सुनिश्चित करें। इस दौरान मंचासीन अतिथियों में कार्यशाला की मुख्य अतिथि नपाध्यक्ष श्रीमती गायत्री शर्मा सहित संस्था के प्रांतीय महासचिव सुधीर अग्रवाल, प्रांतीय अध्यक्ष युगल गर्ग, प्रांतीय संरक्षक दीपक भार्गव, नेशनल सेवा विनोद गर्ग एवं संस्था अध्यक्ष संजीव जैन, सचिव गणेश धाकड़ व कार्यक्रम संयोजक विजय अरोरा मंचासीन रहे।
कार्यशाला की शुरूआत से पूर्व संस्था के अभिन्न साथी स्व.अनिल कुमार अग्रवाल के देहावसान की सूचना मिलने पर उपस्थित सभी संस्था सदस्यों के द्वारा 02 मिनिट का मौन धारण कर आत्म शांति हेतु प्रार्थना की गर्ई तत्पश्चात स्वामी विवेकानंद व मॉं सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण करते हुए कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। सर्वप्रथम संस्था पदाधिकारी व सदस्यों के द्वारा अतिथियों का पुष्प गुच्छ एवं माल्यार्पण करते हुए स्वागत किया गया। स्वागत भाषण संसथा अध्यक्ष संजीव जैन के द्वारा दिया गया। कार्यक्रम का संचालन संस्था सचिव गणेश धाकड़ के द्वारा जबकि आभार प्रदर्शन संस्था कोषाध्यक्ष सुकेष मित्तल के द्वारा व्यक्त किया गया। इस अवसर पर संस्था के नए 7 नए सदस्य भी जुड़े और उनका परिचय व दायित्व ग्रहण कराते हुए कार्यशाला में शामिल होकर संस्था के उद्देश्यों की जानकरी प्रदान की गई। कार्यक्रम समापन पर अतिथियों को संस्था की ओर से स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया और सभी के लिए स्नेहभोज की व्यवस्था की गई।
कार्यशाला में मौजूद वक्ताओं ने रखे विचार
भारत विकास परिषद शाखा शिवपुरी के द्वारा आयोजित शाखा स्तरीय कार्यशाला में मौजूद वक्ताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए। जिसमें प्रांतीय संयोजक डॉ.सुरेन्द्र प्रधान के द्वारा अपने संाबेधन में कहा कि संस्था के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए हमें संस्कृति के संवाहक के रूप में संस्था के उद्देश्यों, संस्था के द्वारा किए कार्यों से जनहितैषी लाभ और संस्था के कार्यों को परिषद दर्शन के माध्यम से चरितार्थ करने का कार्य ही भारत विकास परिषद संस्था का मुख्य उद्देश्य है। प्रांतीय महासचिव सुधीर अग्रवाल के द्वारा विषय सम्पर्क संगठन विस्तार को लेकर कहा किया गया कि निश्चित रूप से कोई भी संस्था हो उसका संगठन सशक्त होना आवश्यक है इसके लिए संपर्कों के माध्यम से संगठन विस्तार में अपनी भूमिका निभाऐं।
भारत विकास परिषद शाखा शिवपुरी के द्वारा आयोजित शाखा स्तरीय कार्यशाला में मौजूद वक्ताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए। जिसमें प्रांतीय संयोजक डॉ.सुरेन्द्र प्रधान के द्वारा अपने संाबेधन में कहा कि संस्था के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए हमें संस्कृति के संवाहक के रूप में संस्था के उद्देश्यों, संस्था के द्वारा किए कार्यों से जनहितैषी लाभ और संस्था के कार्यों को परिषद दर्शन के माध्यम से चरितार्थ करने का कार्य ही भारत विकास परिषद संस्था का मुख्य उद्देश्य है। प्रांतीय महासचिव सुधीर अग्रवाल के द्वारा विषय सम्पर्क संगठन विस्तार को लेकर कहा किया गया कि निश्चित रूप से कोई भी संस्था हो उसका संगठन सशक्त होना आवश्यक है इसके लिए संपर्कों के माध्यम से संगठन विस्तार में अपनी भूमिका निभाऐं।
कार्यक्रम में प्रांतीय अध्यक्ष युगल गर्ग ने शाखाओं के प्रभावी कार्यविधि, शाखा पदाधिकारियों एवं सदस्यों, संयोजक के कार्य व दायित्व नियम एवं अनुशासन व संस्था के सामान्य प्रोटोकाल को बताया जिसमें संस्था के प्रांत से लेकर शाखा स्तर तक के सभी संस्था पदाधिकारियों के दायित्व एवं शाखा के कार्यों को समन्वित प्रयासों से पूर्ण करने का आह्वान किया गया। वक्ताओं में संस्कार विषय को लेकर प्रांतीय संरक्षक दीपक भार्गव ने कहा कि भारतीय संस्था की नींव मजबूत करना ही संस्था का प्रमुख उद्देश्य है इसलिए संस्कारों की नींव को हमेशा मजबूत बनाए रखे और अपनी आने वाली पीढ़ी को भी यह संस्कार बताऐं।
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