बच्चे की शिकायत पर होटल संचालक को दी समझाईश, बाद में बच्चों को काम के दिलाई राशिशिवपुरी-बच्चे अबोध होते है उन्हें ज्ञात नहीं होता कि किस उम्र में क्या काम करना चाहिए, क्या नहीं लेकिन वक्त और हालात ऐसी परिस्थितियां ला देते है कि अबोध बालक भी अपने घर की पारिवारिक हालात को देखते हुए मजदूरी के कार्य करने को मजबूर हो जाते है बाबजूद इसके कई ऐसे लोग जो इन मासूमों से काम तो करा लेते है लेकिन की गई मजदूरी देने के बजाए उन्हें हड़का कर भगा देते है।
कुछ इसी तरह का एक मामला सोमवार को उस समय सामने आया जब निर्भया प्रभारी सूबेदार गायत्री इटोरिया अपनी टीम के साथ भ्रमण कर रही थी तभी वह पोहरी रोड़ स्थित धाकड़ होटल बस स्टैण्ड पर पहुंची तो देखा कि एक अबोध बालक शिकायत कर रहा था कि वह धाकड़ होटल वाला मुझे काम के बदले मेरे पैसे नहीं दे रहा, जिस पर तत्काल निर्भया प्रभारी गायत्री इटौरिया ने धाकड़ होटल संचालक को मासूम बच्चों से काम ना करने की हिदायत दी और समझाया कि बच्चों से काम कराना गैर कानूनी है यदि पुन: इस तरह का काम किया तो संबंधित के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जावेगी।
इसके साथ ही मौके पर ही सूबेदार गायत्री इटौरिया ने इस मासूम अबोध बालक के काम के बदले उसे 800 रूपये मौके पर ही दिलवाए और बालक के घर जाकर उसकी माता से मुलाकात की और कहा कि बच्चे को इस उम्र काम की नहीं बल्कि पढ़ाई की आवश्यकता है इसे लेकर स्वयं निर्भया प्रभारी ने बच्चे को स्कूल भेजने के लिए प्रयास किए ताकि बच्चा स्कूल जा सके और अपना भविष्य भविष्य बना सके, बताया गया है कि बालक के पिता का देहांत हो चुका है अकेली माता है जो जिला अस्पताल के सामने रोटी बनाकर पेट पालन कर रही है और अपने बच्चों को पाल रही है।
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