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Wednesday, July 13, 2022

गुरूपूर्णिमा पर यशोधरा राजे जैनाचार्य श्री कुलचंद सूरि जी का आर्शीवाद लेने पहुंची जैन मंदिर




आचार्य श्री ने उन्हें भगवान पाश्र्वनाथ की प्रतिमा भेंट की और आचार्य विजयधर्म सूरि जी के शताब्दी महोत्सव मेें पधारने का दिया 

निमंत्रण, जैन समाज ने शॉल और श्रीफल से यशोधरा राजे का किया अभिनंदन

शिवपुरी। गुरूपूर्णिमा के पावन अवसर पर शिवपुरी विधायक और प्रदेश सरकार की वरिष्ठ मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया कोर्ट रोड़ स्थित पाश्र्वनाथ जैन मंदिर के आराधना भवन में प्रसिद्ध जैनाचार्य श्री कुलचंद्र सूरि जी महाराज साहब का आर्शीवाद लेने पहुंची। उन्होंने आचार्य श्री के श्री चरणों में नमन किया। आचार्य श्री ने यशोधरा राजे की भक्ति भावना की सराहना करते हुए आर्शीवाद स्वरूप उन्हें भगवान पाश्र्वनाथ की प्रतिमा भेंट की और कहा कि वह इसी तरह समाजसेवा और धर्मसभा के कार्य करती रहें। इस अवसर पर आचार्य श्री कुलचदं्र सूरि जी ने यशोधरा राजे को अपने कुल गुरू विजयधर्म सूरि जी के 9 सितम्बर से 19 सितम्बर तक समाधि मंदिर शिवपुरी की पुण्य भूमि पर आयोजित होने जा रहे शताब्दी महोत्सव में पधारने का निमंत्रण दिया। यशोधरा राजे ने शताब्दी महोत्सव में आने की सहमति प्रदान कर आचार्य श्री को आश्वस्त किया कि वह कुलगुरू विजय धर्म सूरि जी का शताब्दी महोत्सव भव्य रूप से हो। इसमें कोई कसर नहीं छोडेंगी। श्वेताम्बर जैन समाज ने भी यशोधरा राजे सिंधिया का शॉल और श्रीफल से स्वागत किया।

    यशोधरा राजे गुरूपूर्णिमा के अवसर पर आज दोपहर 12 बजे पाश्र्वनाथ जैन मंदिर पहुंची। जहां इस पावन दिवस पर गौतम स्वामी महापूजन का आयोजन चल रहा था। जिसमें बड़ी संख्या में जैन धर्माबलंबी जोड़े से अपनी धार्मिक वेशभूषा में पंन्यास प्रवर श्री कुलदर्शन सूरि जी के सानिध्य में पूजन कर रहे थे। यशोधरा राजे ने इस अवसर पर गौतम स्वामी महापूजन में भाग लिया। उन्होंने आचार्य श्री कुलचंद्र सूरि जी को नमन कर उनके श्री चरणों में श्रीफल अर्पित किया। आचार्य श्री ने उन्हें आर्शीवाद दिया और उन्हें भगवान पाश्र्वनाथ की प्रतिमा भेंट की। इसके पश्चात चार्तुमास कमेटी के संयोजक तेजमल सांखला, श्वेताम्बर मूर्तिपूजक समाज के अध्यक्ष दशरथमल सांखला, सचिव विजय पारख, स्थानकवासी समाज के अध्यक्ष राजेश कोचेटा, अशोक कोचेटा, मुकेश भांडावत, सुनील सांड आदि श्रावकों ने यशोधरा राजे सिंधिया का शॉल और श्रीफल से स्वागत किया।

आचार्य श्री की समाधि के लिए सिंधिया परिवार ने भेंट की थी भूमि : पंन्यास प्रवर श्रीजी
इस अवसर पर संचालन करते हुए आचार्य श्री कुलचंद्र सूरि जी के शिष्य रत्न पंन्यास प्रवर कुलदर्शन सूरि जी महाराज ने अपने उदबोधन में प्रदेश सरकार की मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया को अवगत कराया कि हमारे कुल गुरू विजयधर्म सूरि जी महाराज की समाधि के लिए आपके पिता श्री श्रीमंत जीवाजी राव सिंधिया ने भूमि भेंट की थी। मुनि श्री कुलदर्शन सूरि जी ने बताया कि हमारे कुल गुरू विजयधर्म सूरि जी का 100 वर्ष पूर्व देवलोक गमन हुआ था। उनके पश्चात उनके सुशिष्य श्री विद्या विजय जी महाराज साहब के प्रति आपके पिता श्रीमंत जीवाजीराव सिंधिया बहुत आस्था रखते थे और विद्या विजय जी के कहने पर उन्होंने हमारे कुल गुरू विजय धर्म सूरि जी की समाधि के लिए भूमि भेंट की थी। जिसके लिए जैन समाज सिंधिया परिवार के प्रति अनुग्रहित है। 

सिंधिया परिवार की लोकप्रियता का यही कारण है कि यह परिवार समाजसेवा, धर्मसेवा और जनसेवा में हमेशा बढ़चढकर आगे रहा है। पंन्यास प्रवर श्री कुलदर्शन श्री जी महाराज साहब ने बताया कि वहीं आचार्य विजयधर्म सूरि जी महाराज साहब के देवलोक गमन का शताब्दी महोत्सव 9 से 19 सितम्बर तक समाधि मंदिर की पुण्य भूमि पर आयोजित किया जा रहा है।

आचार्य श्री को नमन करने का गुरूपूर्णिमा से अच्छा दिन क्या होगा : यशोधरा राजे
प्रदेश सरकार की वरिष्ठ मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि काफी दिनों से मेरे मन में आचार्य श्री के दर्शन की अभिलाषा थी। लेकिन राजनीति के कारण में यहां नहीं आई। क्योंकि यदि मैं चुनाव के दौरान यहां आती तो यहीं समझा जाता कि जैन वोटरों को अपने पक्ष में लेने के लिए मैं यहां आई हूं। जबकि में आचार्य श्री को नमन और वंदन अंतकरण की शुद्ध भावना से करना चाहती हंू, इसी कारण मैंने गुरूपूर्णिमा का यह दिन चुना। क्योंकि अब तक आप सब लोग मतदान कर चुके हैं। 

वैसे भी गुरू के दर्शन करने और उन्हें नमन करने का गुरूपूर्णिमा से अच्छा दिन और कोई हो ही नहीं सकता। उन्होंने कहा कि आज महाराज श्री के दर्शन कर मुझे जानकारी मिली कि मेरे पूज्य पिता ने आचार्य विजयधर्म सूरि जी की समाधि के लिए भूमि अर्पित की थी, मैं इसके लिए खुद को गौरवांवित महसूस कर रही हूं कि मंै उस परिवार का हिस्सा हूं जिसने जनहित, समाजहित और धर्महित का हमेशा ध्यान रखा है। इस अवसर पर यशोधरा राजे सिंधिया ने अपनी पूज्य मां अम्मा महाराज को भी याद किया और कहा कि धर्म और समाजसेवा के संस्कार मुझे उन्हीं से मिले हैं।

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