सागर। न्यायालय-श्रीमान शिव बालक साहू, द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश सागर के न्यायालय ने आरोपी शेर सिंह अहिरवार निवासी भगतसिंह वार्ड मोतीनगर जिला सागर को धारा ३०२ भादवि में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास एवं १००० रूपये के अर्थदण्ड और धारा २०१ भादवि में ०७ वर्ष का कारावास एवं १००० रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। राज्य शासन की ओर से पैरवी उप-संचालक (अभियोजन) अनिल कटारे एवं वरिष्ठ सहा. जिला अभियोजन अधिकारी सौरभ डिम्हा ने की।
लोक अभियोजन के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा ए.डी.पी.ओ. ने बताया कि फरियादी नीलेश ने दिनांक ०६.०७.२०२० को रिपोर्ट लेख कराई कि मेरी दीदी भारती की शादी आज से करीब १२ साल पहले राघव गार्डन के पीछे भगत सिंह वार्ड के शेरसिंह अहिरवार के साथ हुई थी। दीदी को उसका पति हमेशा लडाई झगडा कर मारपीट करता रहता था। इसलिए दीदी मायके में रहती थी। ०३ दिन पहले दिनांक ०३.०७.२०२० को दीदी भारती को जीजा शेरसिंह दिन के करीब १०-११ बजे लेकर गये थे। उसके बाद दीदी से कोई बात नही हुई थी, जब जीजा शेरसिंह से पूछा के दीदी कहां है तो बोला दीदी कही चली गयी है। आस पडोस के लोगों से पूछा तो नही देखना बताया। दिनांक ०६.०७.२०२० को मैने मां-पिता जी के साथ जीजा शेरसिंह के घर पर जाकर देखा तो जीजा शेरसिंह के घर से बदबू आ रही थी। घर खोलकर देखा तो कमरे के अंदर रखी पलंग पेटी से बहुत अधिक बदबू आने पर पलंग खोलकर देखा तो दीदी भारती की लाश रस्सी से बधी हुई थी।
जीजा शेरसिंह ने मेरी दीदी की हत्या कर लाश पलंग पेटी में छुपा दी थी। देहाती नालसी के आधार पर थाना मोतीनगर में प्रकरण पंजीबद्ध कर मर्ग कायम किया गया एवं मामला विवेचना में लिया गया। साक्षियों के कथन लेखबद्ध किये गये, घटना स्थल से महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित किये गये, घटना स्थल का नक्सा मौका तैयार किया गया, घटना स्थल से जप्त बस्तुओं का एफ.एस.एल. से परीक्षण कराया गया। शव का पी.एम. कराया गया। विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
न्यायालय के समक्ष अभियोजक की ओर से मृतिका की आरोपी शेरसिंह अहिरवार द्वारा हत्या कारित करने एवं साक्ष्य छुपाने के ठोस सबूत प्रस्तुत किये गये, मृतिका की पी.एम. रिपोर्ट एवं भोपाल द्वारा प्रस्तुत मेडीकल रिपोर्ट में यह स्पष्ट मत दिया गया कि मृतिका की मृत्यू किसी व्यक्ति द्वारा गला दबाने से सांस रूक जाने के कारण हुई तथा विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा साक्षियों को परीक्षित करया गया।
वहस के दौरान महत्वपूर्ण न्यायदृष्टांत प्रस्तुत किये गये। अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत सबूतों और दलीलों से सहमत होते हुए माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी शेरसिंह अहिरवार को हत्या का दोषी करार देते हुए भादवि की धारा ३०२ के तहत आजीवन कारावास एवं १०००/- रू अर्थदण्ड और धारा २०१ भादवि में ०७ वर्ष का करावास एवं १००० रू के अर्थदण्ड से दंडित करने का निर्णय पारित किया।
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