श्रीरामकथा के दौरान बताया मनुष्कर्म का महत्वशिवपुरी-जो मानव भाग्य पर विश्वास रखते हैं एवं कर्म नहीं करते, ऐसे मनुष्य कभी भी आगे नहीं बढ़ सकते और ना ही देश की सेवा में कुछ सहयोग दे सकते हैं जो मनुष्य एकचित्त होकर के अपने कार्य में मेहनत करते और दिन और रात अपने लक्ष्य को पाने के लिए प्रयास करते हैं, वही मनुष्य जीवन में कुछ नाम कमा पाते। यह आर्शीवचन दिए माधादेव स्थान पर चल रही श्रीराम कथा में ब्रजभूषण महाराज ने जो स्थानीय मंदिर पर आयोजित श्रीरामकथा के माध्यम से मनुष्य को कर्म की महत्ता के बारे में बता रहे थे।
इस दौरान महाराज बृभूषाण् ने बताया कि प्रत्येक मनुष्य को कल मुझे क्या कार्य करना है उसके बारे में पहले से सोच लेना चाहिए, ऐसा मनुष्य जीवन में कभी भी कमजोर नहीं पड़ता। आचार्य जी ने सती चरित्र का वर्णन किया एवं शिव पार्वती के विवाह का सुंदर वर्णन सुनाया एवं जिस प्रकार कामदेव ने भगवान शिव जी को मोहित करने के लिए विफल प्रयास किया, उसकी पावन कथा आचार्य ने कहीं और उन्होंने बताया कि प्रत्येक मनुष्य को सत्संग करना चाहिए जिससे उनका जीवन सुंदर हो एवं आनंदमय हो। इस कथा का आयोजन समय क्षेत्रवासियों की ओर से हो रहा हैं एवं यज्ञकर्ता श्रीराम दास जी महाराज हैं जिनके अथक प्रयासों से यह कथा एवं नव कुंडीय महायज्ञ हो रहा हैं इसमें यज्ञ आचार्य श्री श्याम शरण जी महाराज हैं एवं रामलीला का दर्शन भी में रात्रि में कराया जाता है यह आयोजन 1 जून से 9 जून तक रखा गया है।
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