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Sunday, June 5, 2022

कपड़े से बने 120 झोले वितरित कर गांव को पॉलिथिन मुक्त गांव बनाने की पहल पर्यावरण दिवस पर की


शक्ति शाली महिला संगठन ने 100 बच्चो को पर्यावरण के लिए जागरूक किया

किशोरी बालिकाओं द्वारा पुराने उनुपोयोगी कपड़े के झोले बनाकर  घर देना पॉलिथीन मुक्त गांव की दिशा में अच्छी पहल - अतुल त्रिवेदी संभागीय समन्वयक  स्वच्छ भारत मिशन ग्वालियर संभाग 

शिवपुरी। हर साल आज यानी 5 जून को ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. आज के औद्योगीकरण के दौर में पर्यावरण के बारे में सोचना बेहद ज़रूरी है, क्योकि पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की वजह से पर्यावरण को पिछले कुछ दशकों में काफी नुकसान हुआ है. इसकी वजह से अब दुनियाभर के इकोसिस्‍टम में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहे हैं. पर्यावरण को सुरक्षा प्रदान करने का संकल्प लेने के उद्देश्य से ही हर साल विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. आज पर्यावरण का बिगड़ता संतुलन और बढ़ते प्रदूषण से पूरी दुनिया जूझ रही है. इन गंभीर समस्‍याओं से उबरने का एक मात्र उपाय दुनियाभर के पर्यावरण को हरा भरा बनाना है. ये तभी संभव है जब लोग पेड़ों के संरक्षण के प्रति जागरूक हों. 

इसी ज़रूरत को देखते हुए शक्ति शाली महिला संगठन एवम ब्रिटानिया न्यूट्रीशन फाउंडेशन ने संयुक्त रूप से ग्राम चीटोरी खुर्द में  प्लास्टिक पन्नी की जगह गांव की किशोरी बालिकाओं द्वारा पुराने कपड़े से निर्मित  झोले आज बनाए एवम 120 झोले घर घर जाकर  गांव में वितरित किए साथ ही हर घर में कम से कम 5 पौधे लगाने की शुरूआत की । 

अधिक जानकारी देते हुए कार्यक्रम संयोजक रवि गोयल ने बताया की  विश्‍व पर्यावरण दिवस को लेकर संस्था 4 जून से ही गतिविधियां आरंभ कर दी थी आज 5 जून को संस्था की पूरी टीम गांव को पॉलिथिन मुक्त किया एवम घर घर जाकर गांव में ही निर्मित कपड़े के सुंदर थैले ग्रामीणों को वितरित किया। प्रोग्राम में मुख्य अतिथि स्वच्छ भारत मिशन के संभागीय समन्वयक अतुल त्रिवेदी ने कहा की इस बार विश्व पर्यावरण दिवस 2022 की थीम है, ‘ओन्ली वन अर्थ’ मतलब ‘केवल एक पृथ्वी’ है विश्व पर्यावरण दिवस’ मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनियाभर में लोगों के बीच पर्यावरण प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, ग्रीन हाउस के प्रभाव, ग्लोबल वार्मिंग, ब्लैक होल इफेक्ट आदि ज्वलंत मुद्दों और इनसे होने वाली विभिन्न समस्याओं के प्रति सामान्‍य लोगों को जागरूक करना है और पर्यावरण की रक्षा के लिए उन्‍हें हर संभव प्रेरित करना है.

आज शक्ति शाली महिला संगठन की किशोरी बालिकाओं एवम सुपोषण सखी ने पूरे गांव में घर घर जाकर झोले बाटे इससे पर्यावरण के प्रति सुधार की शुरआत चितोरीखुर्द में आज हुई हमको इसको इसके और भी गांव में लेकर जाना है प्रोग्राम में बच्चो को पर्यावरण संरक्षण एवम कौन कौन से पौधे आप जानते है उससे परिचय कराया। किशोरी बालिका रानू एवम खुशबू ने हाथ के झोले सिलकर 120 घरों में पहुंचाया। आज के प्रोग्राम में हर घर 5 पौधे का संकल्प एवम मेरा गांव पॉलिथिन मुक्त गांव अभियान की  शुरुआत हुई। शक्ति शाली महिला संगठन के सभी सदस्य ने सक्रीय भागीदारी की एवम पर्यावरण दिवस को सफल बनाया।

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